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जैसे वेब सीरीज अंतिम पड़ाव की तरफ जाती है, तब हैप्पी को ब्लैकमेल करने वाला बस ड्राइवर पैसे छीन कर भागता है. उस की लाश अंत में नाले से बरामद होते दिखाई है. जिस का पूरी वेब सीरीज में कहीं भी कोई सिरा नहीं मिलता है. उस की हत्या का कनेक्शन कहीं भी देखने को नहीं मिला. इस से साफ है कि डायरेक्टर वेब सीरीज बनाते वक्त भूल जाते हैं कि वे मर्डर मिस्ट्री पर फिल्म बना रहे हैं.

वेब सीरीज में नई कड़ी एक नए ट्रक ड्राइवर के रूप में जुड़ती है, जिस का हेल्पर ट्रक से उतर कर देखता है कि बंपर पर खून के धब्बे लगे हैं. यह देख कर ‘खून साफ करो’ कहते हुए शोर मचाने लगाता है. यहां पात्र और उस का अभिनय बताता है कि डायरेक्टर को इस कमी का अहसास ही नहीं हुआ. इस के अलावा बहुत जल्दीजल्दी नए कैरेक्टर वेब सीरीज में आने लगते हैं.

पुराने सारे किरदार और घटनाएं गायब होती हैं, जबकि वेब सीरीज में मर्डर मिस्ट्री का खुलासा ट्रक में काम करने वाले हेल्पर के जरिए ही होता है. लेकिन डायरेक्टर थ्रिल पैदा करने में नाकाम साबित हुए. काफी उबाऊ तरीके से इस दृश्य का फिल्मांकन किया गया.

तफ्तीश के दौरान पुलिस अधिकारी गरूंडी सिंह को ट्रक ड्राइवर की बीवी का एक सीन दिखाया गया है, जिस को डायरेक्टर ट्रक ड्राइवर की बीवी के जरिए यहां फिर वेब सीरीज को ‘ए’ सर्टिफिकेट पाने के लिए सीन क्रिएट करते हैं. यहां ट्रक ड्रायवर की बीवी एक डायलौग पुलिस अधिकारी को मारती है.

डायरेक्टर ने यदि उस में कोई क्रिएटिविटी की होती तो आशुतोष राणा या फिर अक्षय कुमार जिन्होंने किन्नर की भूमिका निभा कर अपनीअपनी फिल्म को सुपरहिट कर दिया था. दरअसल, ट्रक ड्राइवर को महिलाओं के बजाय किन्नरों में शौक होना दिखाया गया है. यह सारे सीन देख कर हम यकीन से कह सकते हैं कि वेब सीरीज का टाइम बढ़ाने के लिए ट्रक ड्राइवर और उस की बीवी के जरिए ऐसा किया है.

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