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प्रोड्यूसर : हरिलाल जे. ठक्कर

डायरेक्टर: तुषार हीरानंदानी

लेखक: करण व्यास

कहानी: केदार पटनाकार, किरण

सिनेमैटोग्राफी: स्टेनली मुद्दा

म्यूजिक: इशान चाबड़ा

आर्ट डायरेक्शन: फोरम सनूरा

कास्ट्यूम डिजाइन: अरुण जे. चौहान

कलाकार :  गगन देव रियार, मुकेश तिवारी, सना अमीन शेख, नंदू माधव, समीर धर्माधिकारी, जादव, शाद रंधावा, किरन करमाकर, इरावती हर्षे, पंकज बेरी, तलत अजीज, अमन वर्मा, दिनेश लाल यादव, कोमल छाबरिया, भावना बलसावर

साल 2020 में हंसल मेहता और तुषार हीरानंदानी की जोड़ी “स्कैम 1992’ में हर्षद मेहता की कहानी ले कर आई थी. हर्षद मेहता ऐसा शख्स था, जिस की वजह से स्टाक एक्सचेंज, सेबी और यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक की नींद हराम हो गई थी.

हंसल मेहता शायद अपनी इस सीरीज में यह दिखाना चाहते थे कि हमारे यहां इस के पहले ऐसा नहीं हुआ था. हमारे यहां बायोपिक बनाने के लिए उन लोगों को चुना जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में कुछ कमाल किया हो. कमाल शब्द का प्रयोग अधिकतर पौजिटिव मामलों में किया जाता है. हर्षद मेहता अपनी कहानी का हीरो और देश का विलेन था, लेकिन इन की मौलिकता को ले कर जेहन में अनेक सवाल उठते हैं.

उसी तरह अब 3 साल बाद एक बार फिर तुषार हीरानंदानी “स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ (टीवी सरीज 2023) के साथ हाजिर है. इस बार कहानी घोटालेबाज अब्दुल करीम तेलगी की है, जिस ने सरकारी फरजी स्टैंप पेपर छापने शुरू कर दिए थे. कहा जाता है कि उस ने 30 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया था.

ट्रेन में घूमघूम कर फल बेचने वाला अब्दुल करीम तेलगी अचानक अरबपति बन गया था. यह ऐसा कांड था कि पुलिस से ले कर सरकारें तक उस के पीछे पड़ गई थीं. जबकि यही वे लोग थे, जिन्होंने उसे इतना बड़ा अपराधी बनने दिया था.

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