लोगों को धर्म के नाम पर बेवकूफ बना कर राजनीतिक पार्टियां और धर्मगुरु हमेशा अपना उल्लू सीधा
करते रहे हैं. स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि ने अपने सत्संग में अनुयायियों से ऐसा क्या कह दिया था
कि थोड़ी ही देर में सत्संग स्थल के पास 121 लाशें बिछ गईं.

चकाचक सफेद शर्ट, सफेद पैंट, सफेद मोजे और सफेद जूते पहने क्लीन शेव वाले शख्स को लोग भोले
बाबा के नाम से जानते थे. वह 2 जुलाई, 2024 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के फुलराई में
आयोजित होने वाले एक सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुआ था. वहां वह सफेद टोयोटा फोर्चुनर में सवार
हो कर आया था, जिस की सीटें भी सफेद रंग की थीं.

कार के साथ मोटरसाइकिलों और कारों का एक बड़ा काफिला भी आया था. उस की कार दूसरे वाहनों के
काफिले के साथ जैसे ही एटा की ओर जीटी रोड पर दाएं मुड़ी, हजारों की संख्या में उमड़े अनुयायी उस
ओर दौड़ पड़े.

वह शख्स कोई और नहीं बल्कि स्वयंभू विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा था, जिस के सत्संग की उत्तर प्रदेश
में काफी चर्चा होती है. हजारों की संख्या में दूरदराज से आए लोगों की नजरों में वह व्यक्ति ईश्वरीय
शक्तियों वाला था. लोग अपनी गरदन उचका कर एक झलक पाने की कोशिश में लगे रहे. उन के बीच
होड़ मची रही, लेकिन उस की गाड़ी काफिले की गाडिय़ों के साथ धूल उड़ाती हुई सत्संग स्थल पर पहुंच
गई.

 


वह शख्स सारी सुरक्षाव्यवस्था के साथ भव्य सत्संग स्थल के मंच तक पहुंचा. भीतर बड़े पंडाल में हजारों
लोग पहले से बैठे थे. उन में औरतों की संख्या काफी थी. उमस भरी गरमी में कुछ लोग तेज चल रहे
पंखों की हवा में थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे, जबकि काफी लोग गरमी से बेचैन भी थे. हालांकि एक
दिन पहले बारिश हुई थी, तापमान में थोड़ी कमी होने के बावजूद वातावरण में उमस थी.

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