अनूप चौधरी ने अपने गैंग के साथ मिल कर कोई एकदो नहीं बल्कि 5 राज्यों के करीब 5 हजार लोगों के साथ कई सौ करोड़ रुपए का फ्राड किया था. आप भी जानें कि आखिर गैंग के सदस्य किस तरह लोगों को अपने जाल में फांसते थे?

जेकेवी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऔपरेटिव सोसाइटी द्वारा जारी किए गए ब्रोशर और पैंफ्लेट में यह दावा किया गया था कि वह भारतीय रिजर्व बेंक (आरबीआई) के नियमों के मुताबिक न केवल पैसा फिक्स या आरडी के जरिए निवेश करती है, बल्कि एलआईसी की तरह इंश्योरेंस की सेवा भी देती है. उन के निवेश किए गए पैसों का दूसरा लाभ उन्हें सोसायटी द्वारा बनाए जाने वाले मकान का मिल सकता है. सोसाइटी का पहला साइन बोर्ड साल 2012 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फैजाबाद रोड स्थित सहारा शौपिंग सेंटर में लग चुका था, हालांकि उस के रजिस्टर्ड औफिस का पता वह नहीं था.

बड़े बोर्ड पर बना लोगो एलआईसी से मिलताजुलता बनाया गया था. ठीक उस जैसा ही. फर्क सिर्फ इतना था कि 2 हथेलियों से सुरक्षा देने वाले दीपक की जगह मकान की झलक देने वाली रेखांकन में बनाई तसवीर की थी. उस डिजाइन के साथ मल्टीस्टेट लिख दिया गया था. इस के जरिए कंपनी का मकसद यह बताने की कोशिश थी कि वह मकान के लिए निवेश का काम करती है और बदले में रकम दोगुनीतिगुनी भी कर देती है. सोसाइटी का जबरदस्त प्रचारप्रसार किया जाने लगा. इंटरनेट मीडिया, छोटेबड़े होर्डिंग, हैंडबिल, पोस्टर, स्थानीय अखबारों में विज्ञापन और खबरों आदि से ले कर जस्ट डायल तक में सोसाइटी को प्रचारित कर दिया गया.

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