साइबर ठग बैंक कस्टमर्स के डेबिट या क्रैडिट कार्ड की क्लोनिंग कर के उन के खाते से पैसा निकाल लेते हैं. क्लोनिंग के लिए उन्हें कई तरह के अत्याधुनिक उपकरणों का सहारा लेना होता है, जिन्हें पैसा निकालने पहुंचे कस्टमर देख नहीं पाते. ऐसे मामले में कस्टमर्स कुछ सतर्कता बरतें तो ठगी से बचा सकता है.

इसी 25 फरवरी की बात है, दोपहर का समय था. जयपुर के महेशनगर पुलिस थाने में ड्यूटी अफसर अपनी सीट पर बैठे थे, तभी करीब 22-24 साल का  एक युवक थाने पहुंचा. वह सीधा ड्यूटी अफसर के पास पहुंचा और अपना परिचय दे कर बोला, ‘‘सर, मेरा नाम महेशराज मीणा है और मैं महेशनगर में रहता हूं.’’

 ‘‘बताइए, थाने कैसे आना हुआ?’’ ड्यूटी अफसर ने पूछा‘‘साहब, मेरे बैंक खाते से 15 हजार रुपए निकाल लिए गए, जबकि एटीएम कार्ड मेरे पास है.’’ महेशराज ने घबराए लहजे में कहा, ‘‘साहब, मेरे मोबाइल पर ट्रांजैक्शन का मैसेज आया, तब पता चला कि मेरे खाते से पैसे निकल गए हैं.’’

ड्यूटी अफसर ने महेशराज को कुरसी पर बैठने का इशारा करते हुए पूछा, ‘‘तुम्हारे पास मैसेज कब आया?’’  ‘‘साहब, मैसेज तो आज ही आया है.’’ महेशराज ने कहा, ‘‘आश्चर्य की बात यह है कि आज मैं किसी एटीएम से पैसे निकालने भी नहीं गया, फिर भी मेरे एकाउंट से 15 हजार रुपए निकल गए.’’

ड्यूटी अफसर महेशराज से उस के खाते से पैसे निकलने के बारे में जानकारी ले रहे थे, इसी दौरान 2-3 और लोग थाने पहुंच गए. ड्यूटी अफसर ने उन लोगों के आने का कारण पूछा तो पता चला महेश की तरह उन के एकाउंट से भी पैसे निकल गए हैं.

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