Cyber Crime : डिजिटल क्रांति के बाद लोगों को सुविधाएं तो मिली हैं, लेकिन इस के दुष्परिणाम के रूप में साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है. सैकड़ोंहजारों किलोमीटर दूर बैठे अपराधी बड़ी आसानी से लोगों से लाखोंकरोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं. आप भी जानें कि इन शातिर ठगों से कैसे बचा जाए?
कर्नाटक के बेंगलुरु में 17 नवंबर, 2024 को 60 साल के एक आईटी कर्मचारी प्रताप नारायण (परिवर्तित नाम) को अंजान नंबर से वाट्सऐप काल आई. काल करने वाले ने कहा, ''मैं सिटी यूनियन बैंक से बोल रहा हूं. आप के नाम पर एक क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है. लेकिन कार्ड को ऐक्टिवेट करने और उसे इस्तेमाल करने के लिए अपने सिम को बदल कर एयरटेल का एक सिम लगाना होगा.’’
''इस का मुझे क्या फायदा होगा और मैं अपना मोबाइल नंबर क्यों बदलूं.’’ प्रताप नारायण ने संदेह जताते हुए पूछा.
क्रेडिट कार्ड के अनगिनत फायदे गिनाते हुए उस अजनबी कालर ने कहा, ''आप के एड्रेस पर नया सिम कार्ड और मोबाइल फोन आप को भेजा जा रहा है.’’
60 साल के प्रताप नारायण ने अजनबी कालर की बातों पर इसलिए भरोसा कर लिया, क्योंकि उस बैंक के वह खाताधारक थे. पहली दिसंबर, 2024 को 10 हजार रुपए का रेडमी मोबाइल फोन और सिम कार्ड कुरिअर से प्रताप नारायण को मिल गया. मोबाइल मिलने के बाद उस व्यक्ति ने प्रताप नारायण को भेजे गए फोन में नया सिम कार्ड लगाने को कहा. जैसे ही उन्होंने सिम कार्ड लगाया, उन्हें अनधिकृत लेनदेन का नोटिफिकेशन मिला. जब प्रताप नारायण ने अपना बैंक अकाउंट चेक किया तो यह जान कर वह गहरे सदमे में आ गए कि उन के बैंक अकाउंट से 2.8 करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं. तत्काल उन्होंने इस की शिकायत साइबर क्राइम ब्रांच में की.