Top 10 Cyber Crime Story Of 2022: आजकल साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण कई लोग इसका शिकार भी बने है और कुछ लोगो को जान गंवानी पढ़ी. तो खुद को इस ठगी और धोखाधड़ी से बचाने के लिए और समाज को इस साइबर क्राइम से जागरूक करने के लिए पढ़ें ये Top 10 Cyber Crime Story in Hindi.
- फिरौती 5 करोड़ की: सरगम इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक के बेटे का अपहरण
आनंद कुमार पंजाबी बाग के ईस्ट एवेन्यू रोड पर स्थित अपनी कोठी में पत्नी रीना गुप्ता और बेटी के साथ रहते थे, जबकि बेटा सौरभ अपनी पत्नी पूनम के साथ कर्मपुरा की कोठी में रहता है. सौरभ रोजाना सुबह करीब 11 बजे अपनी होंडा सिटी कार नंबर डीएल07सी ई4000 से पश्चिम विहार के शोरूम के लिए निकल जाते और रात साढ़े 9 बजे शोरूम बंद करा कर घर लौटते थे. लेकिन 9 दिसंबर, 2017 को वह साढ़े 10 बजे तक भी घर नहीं पहुंचे तो उन की पत्नी पूनम ने उन के मोबाइल पर फोन किया.
उधर से सौरभ ने रोने जैसी आवाज में कहा कि वह एक घंटे में घर पहुंच जाएंगे. सौरभ की ऐसी आवाज सुन कर पूनम परेशान हो गईं. क्योंकि जब भी वह पति से बात करती थीं, वह खुश हो कर बात करते थे. पति की बात से उन्हें लगा जैसे वह किसी परेशानी में हैं.
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2. ठगी के ठिकाने ‘कॉल सेंटर’
सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति ने हर इंसान की जिंदगी को आसान बना दिया है. महानगरों से ले कर छोटेबडे़ शहरों में रहने वाले अब जेब में ज्यादा नकदी नहीं रखते. इन की जेब में रखे पर्स अब कई तरह के कार्ड से भरे होते हैं. इन में डेबिट क्रैडिट कार्ड से ले कर और भी न जाने कितनी तरह के कार्ड होते हैं.
इस के अलावा लोगों में औनलाइन बैंकिंग और औनलाइन शौपिंग का भी प्रचलन तेजी से बढ़ा है. औनलाइन लेनदेन में और खरीदारी ने भले ही लोगों को एक नई सुविधा दी है, लेकिन कई मायनों में इस से उन की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. एटीएम और क्रैडिट कार्ड से धोखाधड़ी के रोजाना नएनए मामले सामने आते रहते हैं. जालसाज एटीएम कार्ड हैक कर ग्राहकों का डेटा चुरा रहे हैं.
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3. पुलिस को नचाती रही फर्जी IFS अफसर जोया खान
इसी 30 मार्च की बात है. नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण अपने औफिस में बैठे थे. वह एसपी (देहात) विनीत जायसवाल के साथ अपराधों की रोकथाम के सिलसिले में बैठक कर रहे थे. उन के दफ्तर के बाहर अर्दली और कुछ पुलिस अफसर बैठे थे. वे सभी पुलिस अफसर एसएसपी साहब से मिलने आए थे.
इसी दौरान अर्दली ने देखा कि पुलिस एस्कार्ट के साथ एक मर्सिडीज वहां आई. मर्सिडीज पर लालबत्ती लगी हुई थी. मर्सिडीज से आगे चालक के पास वाली सीट से एक खूबसूरत नौजवान फुरती से उतरा. उस नौजवान के हाथ में लैपटौप बैग था. उस नौजवान ने मर्सिडीज के पीछे का गेट खोला. कार से एक महिला तेजी से बाहर निकली. महिला की उम्र करीब 32-33 साल थी. उस ने जींस और पूरी आस्तीन की टीशर्ट पहन रखी थी.
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4. पिंकी का हनीट्रैप: कैसे जाल में फंस गया मोहित
अलकापुरी क्षेत्र में स्थित हनुमान ताल के पास कस्बा जावरा के एक प्रसिद्ध व्यापारी मोहित पोरवाल हाथ में सूटकेस लिए खड़े थे. वह काफी घबराए हुए थे, चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं, डर की छाया साफ दिखाई दे रही थी.
चेहरे पर आ रहे पसीने को वह बारबार रूमाल से पोंछ रहे थे. उन की नजर सुनसान सड़क पर लगी हुई थी. जबकि वहां से कुछ दूर सुनसान जगह पर सादा कपड़ों में मौजूद 10 पुलिस वालों की नजरें मोहित कुमार पर जमी हुई थीं. साथ ही वहां आनेजाने वाले व्यक्तियों पर भी थीं.
उसी समय एक पुलिसकर्मी थाना औद्योगिक नगर के टीआई शिवमंगल सिंह सेंगर से संपर्क बनाए हुए था. मोहित के आसपास फैले पुलिसकर्मी उस समय सतर्क हो गए, जब उन्होंने 3 व्यक्तियों को चौकन्ने भाव से मोहित की तरफ आते देखा.
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5. फेसबुक से निकली मौत
22जून, 2019 की सुबह पुणे शहर के पौश इलाके में स्थित मुढ़वा की रहने वाली 40 वर्षीय राधा अग्रवाल घर से अपनी स्कूटी ले कर निकली थी. उस ने घर पर बताया था कि वह अपनी सहेलियों के साथ साईंबाबा के दर्शन करने शिरडी जा रही है. 2 दिन में घर लौट आएगी. घर से निकलते समय वह अपने सारे गहने पहने हुई थी. जब वह 25 जून तक नहीं लौटी तो पति किशोरचंद्र अग्रवाल ने उस का फोन मिलाया. लेकिन राधा का फोन स्विच्ड औफ मिला.
राधा के 16 वर्षीय बेटे मानव अग्रवाल ने इस बारे में अपनी मां की सहेलियों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह तो शिरडी गई ही नहीं थी, न ही उन्हें राधा के शिरडी जाने की कोई जानकारी है.
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6. रातों का खेल
घटना 10 जून, 2019 की है. इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने साइबर सेल के अफसरों और कुछ
सहकर्मियों को अपने केबिन में बुला कर इंदौर के किसी क्षेत्र में छापा डालने के बारे में बताया. छापेमारी में कोई चूक न हो इस के लिए हर पुलिसकर्मी की शंका और उस के समाधान के बारे में 4 घंटे तक मीटिंग चली. इस के बाद एसपी जितेंद्र सिंह के निर्देश पर रात लगभग साढ़े 12 बजे 2 टीमें बनाई गईं.
इन टीमों में एसआई राशिद खान, आमोद राठौर, संजय चौधरी, विनोद राठौर, रीना चौहान, पूजा मुबेल, अंबाराम प्रधान व सिपाही आनंद, दिनेश, रमेश, विजय विकास, राकेश और राहुल को शामिल किया गया. इन टीमों को सी-21 मौल के पीछे स्थित टारगेट पर धावा बोलना था. समय तय कर दिया गया था.
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7. क्रिप्टो करेंसी: गुमनामी में अरबपति की मौत
कनाडा की सब से बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज कंपनी क्वाड्रिगा सीएक्स के सीईओ जेराल्ड कौटेन की जयपुर के एक निजी अस्पताल में गुमनाम मौत हो गई. इस कंपनी के संस्थापक जेराल्ड 30 साल के थे. बीते 9 दिसंबर को हुई जेराल्ड की मौत का कारण आंत की गंभीर बीमारी बताया जा रहा है. वे भारत में अनाथालय खोलने आए थे और जयपुर में जगह तलाश रहे थे. जेराल्ड की मौत के बाद उन की कंपनी क्वाड्रिगा सीएक्स की 19 करोड़ डौलर यानी करीब 1359 करोड़ रुपए कीमत की करेंसी फंस गई है.
यह क्रिप्टो करेंसी जेराल्ड के लैपटौप में बंद है और उस का पासवर्ड किसी को पता नहीं है. इतने अमीर आदमी की मौत का किसी को पता नहीं चल सका तो इस की वजह यह थी कि जयपुर में उन्हें कोई नहीं जानता था.
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8. खाकी वरदी वाला डकैत: पुलिस के भेष में डाकू
तारीख: 9 मार्च, 2019. समय: सुबह के 7 बजे.स्थान: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ.
ट्रेडिंग व्यापारी अंकित अग्रहरि लखनऊ की ओमेक्स रेजीडेंसी स्थित अपने फ्लैट नंबर 104 में बैठे चाय पी रहे थे. उन के साथ उन के सहयोगी सचिन कटारे, अश्वनी पांडेय, कुलदीप यादव, अभिषेक वर्मा, जितेंद्र तोमर, अभिषेक सिंह व शुभम गुप्ता भी थे. चाय के साथसाथ इन लोगों के बीच अपने बिजनैस के संबंध में बातचीत हो रही थी.
दरवाजे पर दस्तक हुई तो अंकित ने पूछा कौन? इस पर अपार्टमेंट के चौकीदार योगेश ने कहा, ‘‘साहब मैं चौकीदार हूं.’’
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9. खिलाड़ियों का शिकार
विनोद दीक्षित उस मीटिंग में जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी उन के पास 32-33 साल का एक युवक शिकायत ले कर आया. उस ने टीआई साहब को शिकायती पत्र दिया. उसे पढ़ कर टीआई विनोद दीक्षित चौंके. क्योंकि मामला हनीट्रैप का था.
हनीट्रैप का एक मामला वैसे भी पूरे प्रदेश में हलचल मचाए हुए था. यह मामला भी कहीं चर्चित न हो जाए, इसलिए टीआई ने उस युवक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए यह सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दे दी.
एसएसपी के आदेश पर टीआई ने शिकायतकर्ता राजेश गहलोत की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा कर इस की जांच एसआई दिलीप देवड़ा को सौंप दी.
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10. शातिर अपराधी की आवाज से ठगी
वह तरहतरह की आवाजें निकालने में माहिर था. इतना ही नहीं, वह पुरुषों के अलावा हर आयु वर्ग की महिलाओं की आवाज इतनी स्पष्टता से निकाल लेता था कि सुनने वाले आश्चर्यचकित रह जाते थे. इस के अलावा वह अलगअलग शख्सियतों की भी मिमिक्री कर लेता था.
सिद्धार्थ पटेल अगर चाहता तो अपनी इस प्रतिभा को स्टेज के जरिए एक नई पहचान दिला सकता था, लेकिन उस ने ऐसा करने के बजाए लोगों को ठगने का काम किया. सिद्धार्थ ने सब से पहले फेसबुक पर संजना के नाम से एक लड़की की फेक आईडी बनाई, जिस में उस ने दिल्ली की रहने वाली बताया.
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