अगर कोई यूजर किसी तरह के अनजाने लिंक पर क्लिक करता है तो सोशल मीडिया अकाउंट तो हैक होता ही है, साथ ही साथ मोबाइल के अंदर हैकर्स द्वारा या तो एपी की फाइल इंस्टाल कर दी जाती है या मालवेयर स्थापित कर दिया जाता है. अगर मालवेयर स्थापित कर दिया जाता है तो एपी की फाइल पर हैकर कंट्रोल कर लेता है. तब यूजर्स का मोबाइल पूरी तरह हैक हो जाता है.

कितना भी लाभदायक एप्लिकेशन बताया गया हो, जब तक आप पूरी तरह कन्फर्म न हों, उसे न तो डाउनलोड करें और न ही उसे स्वीकार करें. पहले तो हैकर्स एक लिंक भेज कर यूजर्स से कहते थे कि इस वीडियो में आप हैं. देखिए, आप कैसा बढिय़ा काम कर रहे हैं.

इस के बाद जैसे ही यूजर लिंक पर क्लिक करता था, उसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लागिन पेज पर ले जाया जाता था और यूजर्स से उस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म की यूजर आईडी और पासवर्ड डालने को कहा जाता था. अगर कोई यूजर कुतूहलवश अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड डाल देता था तो उस का सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता. इस के बाद हैकर्स द्वारा यूजर्स के सोशल मीडिया अकाउंट की ईमेल आईडी के साथ पासवर्ड, डीपी और इसी तरह मोबाइल नंबर बदल दिया जाता था. फिर यूजर चाहे जितनी कोशिश कर ले, उसे उस का सोशल मीडिया अकाउंट वापस नहीं मिलता था.

जबकि अब हैकर्स नई मोडस आपरेंडी अपनाते हैं. इस में हैकर्स द्वारा यूजर्स के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मैसेज भेजा जाता है, जिस में विषय होता है कि देखो कौन मर गया है या आप से जुड़ी ऐसी जानकारी भेजी जाती है, जो आप को आकर्षित करती है.

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