इस टीम का दूसरा प्रमुख सदस्य है मोहम्मद यासीन शेख. संदीप मुरजानी प्रथम टीम का अहम किरदार था. यासीन शेख फर्म रजिस्टर्ड कराने की टेक्नोलौजी और उस फर्म का जीएसटी बनाने की प्रक्रिया का विशेषज्ञ है. यह पहले मुंबई में वेबसाइट तैयार करने का काम करता था. यह अपने साथ कुछ युवकों को रखता था, जिन्हें समयसमय पर ट्रेनिंग देता था. इस के द्वारा जस्ट डायल के माध्यम से डेटा ले कर फरजी तरीके से फर्म बनाई जाती थी.
इसी गिरोह में गिरफ्तार हुआ विशाल भी प्रथम टीम का प्रमुख सदस्य था. यह अनपढ़ एवं नशा करने वाले लोगों को रुपयों का लालच दे कर एवं भ्रमित कर अपने फरजी नंबरों को आधार कार्ड में अपडेट कराने का कार्य करता है.
आकाश भी पहली टीम का प्रमुख सदस्य था. यह अशिक्षित एवं नशा करने वाले लोगों को रुपयों का लालच दे कर एवं भ्रमित कर अपने फरजी नंबरों को आधार कार्ड में अपडेट कराने का काम करता है.
राजीव पहली टीम का ऐसा सदस्य था, जो बिना माल के आदानप्रदान किए ही अपने सहयोगी अतुल सेंगर के साथ औन डिमांड फरजी बिल तैयार करता और विक्रय करता था. अतुल सेंगर राजीव के कहने पर ही फरजी बिल तैयार करने का काम करता था.
अश्विनी पांडेय टीम के नंबर 2 सदस्य मोहम्मद यासीन शेख के संपर्क में रह कर फरजी फर्म के लिए फरजी बैंक अकाउंट खुलवाता था. वह एक खाता खुलवाने का 10 हजार रुपया लेता है.
विनीता मुरजानी पेशे से सीए थी और पहली टीम के लीडर और इस स्कैम के मास्टरमाइंड दीपक मुरजानी की पत्नी है. वह पहली टीम द्वारा तैयार की गई फरजी फर्म जीएसटी नंबर सहित को बेचने वाली टीम के द्वारा संचालित फरजी फर्म में, फरजी बिलों को लगा कर जीएसटी रिफंड (आईटीसी इनपुट टैक्स क्रेडिट) से होने वाली इनकम का लेखाजोखा रखती थी और टीम के सदस्यों का उन का कमीशन व खर्चे आदि के प्रबंधन का काम करती थी.