- अंकित के इतना कहते ही चाची के होश उड़ गए. वह अपना सीना पीटते हुए बोली, “हम तो बरबाद हो गए. अब बेटी पूजा की शादी कैसे होगी.”
बैंक एकाउंट से रुपयों की ठगी की जानकारी पुरुषोत्तम मिश्रा के घर के आसपास रहने वाले लोगों को भी लग चुकी थी और उन के घर में शुभचिंतकों की भीड़ लग गई थी. पुरुषोत्तम मिश्रा को अपनी एक गलती का आभास आज हो रहा था. वे बारबार यही सोच कर अफसोस जता रहे थे कि
“काश! उन्होंने अपना नया मोबाइल नंबर एकाउंट से लिंक करा लिया होता तो इस ठगी से बच जाते.”
दरअसल, पुरुषोत्तम मिश्रा के बैंक एकाउंट में एयरटेल कंपनी का जो मोबाइल नंबर दर्ज था, वह मोबाइल खो जाने की वजह से बंद हो गया था. पुरुषोत्तम मिश्रा ने उसी मोबाइल नंबर की दूसरी सिम प्राप्त करने के बजाय नया नंबर ले लिया था और उसे बैंक एकाउंट से लिंक नहीं कराया था. उन की यही गलती आज उन्हीं पर भारी पड़ी थी. जीवन भर तिनकातिनका इकट्ठा कर जोड़ी हुई जमापूंजी साइबर ठग ने पार कर दी थी.
एसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज
पुरुषोत्तम मिश्रा और अंकित को इस पूरी कवायद में एक बात समझ में आ गई थी कि उन के साथ साइबर ठगी हुई है. अपने साथ हुए इस साइबर फ्रौड की उन्होंने बैंक में लिखित शिकायत की, मगर बैंक मैनेजर और स्टाफ का रवैया उन्हें ठीक नहीं लगा. बैंक स्टाफ उन्हें यह जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा था कि आखिर उन के नाम से एटीएम किसे जारी किया गया है. मामला सुलझता न देख पुरुषोत्तम मिश्रा ने पूरे मामले की लिखित शिकायत स्थानीय पुलिस थाना, साइबर ब्रांच और रिजर्व बैंक में कर दी थी.
पुरुषोत्तम मिश्रा अपने भतीजे अंकित को ले कर नरसिंहपुर जिले के एसपी अमित कुमार से मिले और उन्हें विस्तार से पूरी जानकारी देते हुए कहा, “सर, 5 जून में मेरी बिटिया की शादी है और मेरे खाते में एक फूटी कौड़ी भी नहीं है. किसी ठग ने मेरे नाम का एटीएम कार्ड ले कर और मोबाइल नंबर लिंक करा कर मेरा एकाउंट खाली कर दिया है.”
एसपी अमित कुमार ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “आप चिंता न करें, आप के साथ हुए इस फ्रौड का हम जल्द ही परदाफाश करेंगे और आप की गाढ़ी कमाई की रकम आप को वापस दिलाएंगे.”
एसपी से मिलने के बाद दोनों घर आ कर शादी की तैयारियों में जुट गए. पुरुषोत्तम मिश्रा की तो रातों की नींद छिन गई थी, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि बगैर रुपयों के कैसे बेटी के हाथ पीले होंगे.
नरसिंहपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों से पुलिस परेशान थी. ऐसे में एसपी अमित कुमार ने 24 लाख की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी की पतासाजी के लिए एडीशनल एसपी सुनील कुमार शिवहरे, एसडीपीओ सचि पाठक के निर्देशन में एक टीम का गठन किया.
इस टीम में टीआई (गाडरवारा) राजपाल सिंह बघेल, एसआई श्रीराम रघुवंशी, वर्षा धाकड़, एएसआई भूपेंद्र सोनी, हैडकांस्टेबल आशीष मिश्रा, संजय पांडे, कांस्टेबल दिनेश पटेल, ऐश्वर्य वेंकट, साइबर सेल (नरसिंहपुर) लेडी कांस्टेबल कुमुद पाठक को शामिल किया गया.
एसपी के निर्देश पर गठित टीम ने सब से पहले खेरुआ गांव के पीडि़त 54 वर्षीय पुरुषोत्तम मिश्रा द्वारा की गई शिकायत की जांच के दौरान यूको बैंक सालीचौका से प्रार्थी के खाता नंबर एवं उस में लिंक मोबाइल नंबर एटीएम कार्ड के संबंध में जानकारी प्राप्त की. बैंक से मिली जानकारी से पता चला कि पुरुषोत्तम मिश्रा के खाते में जो मोबाइल नंबर दर्ज है, उस नंबर की सिम उन के पास नहीं है और न ही उन्होंने कभी बैंक से एटीएम कार्ड लिया है.
अगस्त, 2022 में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपना मोबाइल नंबर फरजी तरीके से लिंक करा कर एटीएम कार्ड जारी करा लिया. बाद में इसी एटीएम धोखाधड़ी के जरिए उस ने इंदौर एवं उज्जैन के अलगअलग एटीएम मशीनों से लाखों रुपए की रकम निकाली थी. शातिर अपराधी ने मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से भी कुछ राशि दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली थी और पूरा एकाउंट खाली कर दिया. पुलिस के लिए आरोपी तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं था.
जालसाज तक पहुंची पुलिस
बैंक खाते से दर्ज संदिग्ध मोबाइल नंबर के संबंध में साइबर सेल के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गई. मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करने पर 8 मई, 2023 को गाडरवारा पुलिस ने आरोपी की पहचान मयंक सिंह पुत्र प्रकाश सिंह निवासी लक्ष्मण नगर कालोनी वार्ड नंबर 23 जिला देवास के रूप में कर ली. आरोपी ने जिन खातों में उक्त राशि ट्रांसफर की थी, उन सभी खातों के संबंध में भी दूसरे बैंकों से जानकारी प्राप्त की गई.
इसी जानकारी के आधार पर पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि पुरुषोत्तम मिश्रा के यूको बैंक के खाते से लिंक बंद मोबाइल नंबर मयंक सिंह ने चालू करा कर यूको बैंक के उन के एकाउंट की डिटेल्स प्राप्त कर सालीचौका ब्रांच आ कर एटीएम कार्ड प्राप्त किया था.
पिछले 6-7 महीने में उसी एटीएम कार्ड व मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से पुरुषोत्तम मिश्रा के खाते से 24 लाख 4 हजार 199 रुपए निकाल लिए गए. थाना गाडरवारा में आरोपी मयंक सिंह के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज कर लिया गया.
अपराध की गंभीरता और आरोपी के फरार होने की संभावना को देखते हुए एसपी अमित कुमार द्वारा एडिशनल एसपी सुनील शिवहरे एवं एसडीपीओ गाडरवारा सचि पाठक के मार्गदर्शन में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उज्जैन भेजी गई.
गाडरवारा पुलिस ने उज्जैन पहुंच कर स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी मयंक सिंह के संबंध में जानकारी एकत्र की. तकनीकी साक्ष्यों एवं मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर आरोपी मयंक सिंह की लोकेशन उस समय उज्जैन के सेठी नगर में मिल रही थी. सूचना प्राप्त होते ही पुलिस टीम ने स्थानीय मुखबिर की मदद से 13 मई, 2023 को उज्जैन के सेठी नगर में स्थित एक मकान की घेराबंदी कर ठग मयंक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस पूछताछ में उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. साइबर ठगी के इस मामले की कहानी चौंकाने वाली निकली—
28 साल का मयंक सिंह उर्फ प्रताप मूलरूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर 14 का रहने वाला है. पिता ज्ञान प्रकाश सिंह का दूसरे नंबर का बेटा मयंक ग्रैजुएशन करने के बाद नौकरी के लिए भटक रहा था. नौकरी पाने के सिलसिले में वह 3 साल पहले देवास आया था.