राजेश मानसिक तनाव से गुजर रहा था. वह इस कदर परेशान हो गया कि उस ने तलाक की बात मान लेने में ही भलाई समझी. दोनों तैयार हुए, लेकिन बेटे को ले कर बात अटक गई. राजेश बेटे को अपने साथ रखना चाहता था जबकि दीपिका उसे देने को भी तैयार नहीं थी. कभीकभी राजेश गुस्से में उस की पिटाई भी कर देता था.
अपनी पिटाई की बात दीपिका जब योगेश को बताती तो योगेश गुस्से में तिलमिला कर रह जाता था. उसे यह कतई पसंद नहीं था कि राजेश उस की प्रेमिका पर हाथ उठाए. रिश्तों की कड़वाहट इस हद तक बढ़ गई कि दीपिका अपने बेटे के साथ बैडरूम में सोती थी, जबकि राजेश ड्राइंगरूम में सोता था.
दीपिका अपना आचरण बदलने को तैयार नहीं थी और राजेश उस की शर्तों पर तलाक नहीं देना चहता था. रिश्तों में नफरत भर चुकी थी. दीपिका तो विवेकहीन हो चुकी थी. वह अब हर सूरत में हमेशा के लिए योगेश की होना चाहती थी. योगेश भी इन बातों से परेशान हो गया था.
राजेश के रहते यह संभव नहीं था इसलिए दोनों ने राजेश को रास्ते से हटाने का खतरनाक फैसला कर लिया. यह काम राजेश के अकेले के वश का नहीं था. उस के रेस्टोरेंट पर पप्पू व डब्बू नामक 2 युवक अकसर आते रहते थे. वे दोनों दबंग प्रवृत्ति के थे और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे. उन के बारे में वह ज्यादा नहीं जानता था. उसे वे काम के मोहरे नजर आए. योजना के अनुसार योगेश ने बहुत जल्द उन से दोस्ताना रिश्ते बना लिए. एक दिन बातोंबातों में योगेश ने कहा, ‘‘तुम दोनों को लखपति बनाने का एक प्लान है मेरे पास.’’