पुलिस को झूठी सूचना देने से ले कर, सूटकेस में अपने बेटे के शव को घंटों टैक्सी में बैठे रहना उस के भयावह और जघन्य अपराध के दौरान सूचना सेठ का धीरज और संयम एक ऐसे व्यक्ति का क्रूर और भयावह चेहरे को प्रस्तुत करता है, जिसे एक स्त्री और एक मां दोनों के रूप में समझना मुश्किल है. यह वारदात इस बात को जाहिर करती है कि आखिर कैसे दंपति के तलाक के खौफनाक अंजाम ने एक 4 वर्षीय मासूम की बेरहमी से जान ले ली.
पुलिस ने जकार्ता (इंडोनेशिया) में नौकरी कर रहे वेंकट रमन को बेटे की हत्या की खबर दे कर गोवा के कलंगुट थाने बुला लिया.
सूचना सेठ और उस के पति वेंकट रमन का कलंगुट पुलिस स्टेशन में 13 जनवरी, 2024 को आमना सामना हुआ. सूचना सेठ और उस के पति ने एकदूसरे से मिलने की इच्छा जताई थी. पुलिस ने दोनों को 15 मिनट एकदूसरे से मिलने की इजाजत दी थी.
थाने में सेठ ने क्या कहा रमन से
इस दौरान अपने मासूम बेटे की कातिल मां सूचना सेठ ने अपने पति से कहा, ''जब तक मैं पुलिस कस्टडी में हूं, तुम आजाद हो. तुम्हारे ही कारण आज मेरी ऐसी हालत हुई है.’’
उस के द्वारा यह आरोप लगाने पर भड़ास निकालते हुए वेंकट रमन ने कहा, ''जब तुम ने बेटे को नहीं मारा तो उस की मौत अपने आप कैसे हो गई.’’
चिन्मय के पिता वेंकट रमन 13 जनवरी, 2024 को अपना बयान दर्ज कराने के लिए गोवा के कलंगुट पुलिस स्टेशन पहुंचा था. बेटे की मौत की खबर मिलने के बाद वेंकट रमन 9 जनवरी, 2024 को भारत आया था और 10 जनवरी, 2024 को उस ने बेंगलुरु में अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया था.