अंकिता ने मजबूरी में की थी रिजौर्ट में नौकरी
परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था. इस कारण उस ने उस के फील्ड की जो नौकरी पहले मिली, उसे ही चुन लिया था और रिसैप्शनिस्ट का काम करने लगी थी.
यह किसी को नहीं पता था कि उस की पहली नौकरी ही ऐसी आखिरी होगी, जिस में उसे पहले माह का वेतन भी नहीं मिल पाएगा. वह अपने मातापिता की सब से छोटी संतान थी. उस का बड़ा भाई दिल्ली में काम करता है और परिवार की जरूरतों को किसी तरह से पूरा कर पाता है.
उस के घर वाले बताते हैं कि एक अच्छे करिअर का सपना देखने के बावजूद इस 19 वर्षीय लड़की ने घर की आर्थिक स्थिति के कारण रिसैप्शनिस्ट की नौकरी का विकल्प चुना था. मृतका की बुआ के अुनसार अंकिता के पिता बेहद मामूली किसान हैं. परिवार की आर्थिक परेशानी के चलते वह नौकरी करने को मजबूर हो गई थी.
इस मामले में 6 लोगों को हिरासत में लेते हुए पुलिस ने रिजौर्ट में ताला जड़ दिया था. साथ ही लक्ष्मण झूला पुलिस ने रिजौर्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को हिरासत में लिया था. तब तक पुलिस और दूसरे सूत्रों से अंकिता गुमशुदगी को ले कर कई विरोधाभासी बातें सामने आ चुकी थीं.
इसे ले कर पुलिस भी अस्पष्ट जानकारी दे रही थी. साथ ही रिजौर्ट का मालिक पुलकित कार्य भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य का बेटा था. इस कारण इस वारदात की कई बातें सोशल मीडिया पर भी अंकिता की मौत की सूचना के साथ वायरल हो गई थीं. फिर तो पूरे देश में इस पर कोहराम मच गया.