इस के बाद जाहिदा फिर एक बार दरवाजे पर आ कर लौट गई. फिर रात 10 बज कर 40 मिनट पर घर के बाहर 2 लोग जो सुबह घर के भीतर घुसे थे, वह एक बाइक पर मेहरबान अली को बीच में बैठा कर बाहर आते दिखाई दिए. घर से बाइक बाहर निकालने के लिए पीछे से जाहिदा और उस की 2 बेटियों को बाइक को धक्का लगाते देखा गया.
जाहिदा फिर गली में आई. उस ने देखा कि रोड पर कोई नहीं है तो रास्ता साफ होने का इशारा कर के बाइक को आगे ले जाने का उस ने इशारा किया.
इस के बाद 2 लोग बाइक को ले कर चले गए. लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इस दौरान मेहरबान अली का शरीर बेजान सा बीच में रखा था. सीसीटीवी फुटेज को देख कर ऐसा लग रहा था कि वह मेहरबान अली के मृत शरीर को मोटरसाइकिल पर ले जा रहे थे.
जाहिदा और बेटियां ही निकलीं कातिल
अब सब कुछ आईने की तरह साफ था. सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले कर थानाप्रभारी शर्मा एक बार फिर जाहिदा के घर पहुंचे. उन्होंने जब पूछा कि शनिवार की सुबह उन के यहां कौन 2 लोग आए थे तो कोई भी ठीकठाक उन के सवालों का जवाब नहीं दे सका. वह जानते थे कि कोई भी गुनहगार आसानी से अपना गुनाह नहीं कबूलता.
उन्होंने जाहिदा और उस की बेटियों को पुरुषोत्तम आहूजा के घर से बरामद की गई सीसीटीवी फुटेज दिखाई तो उन के पास बचने का कोई बहाना नहीं रहा. थोड़ी सी डांटफटकार के बाद ही जाहिदा ने कबूल कर लिया कि अपने पति मेहरबान अली की हत्या उस ने अपनी बेटियों के साथ साजिश रच कर भाडे़ के 2 हत्यारों से कराई थी. और उन की लाश को करीब 11 घंटे तक अपने कमरे में ही रखा. इस दौरान दोनों हत्यारे भी उन के साथ घर में मौजूद रहे. फिर मौका मिलने पर रात के अंधेरे में लाश फेंकी गई.