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इंद्रपाल की पहले से ही गुड्डू से अच्छी दोस्ती थी. उस ने अपने इस धंधे में गुड्डू को भी शामिल कर लिया. उस के बाद इंद्रपाल और गुड्डू दोनों माया, रेखा और जमुना के लिए ग्राहक ढूंढ कर लाते और अपना कमीशन ले कर मौजमस्ती करते. जब इन लोगों की हरकतें हद पार करने लगीं तो राकेश एक दिन जमुना के पति धर्म सिंह से मिला.

उस ने अपनी बीवी और उस की बीवी जमुना की पोल खोलते हुए बताया कि दोनों ने कई औरतों के साथ मिल कर उस के घर को अय्याशी का अड्डा बना रखा है. यह पता चलने पर धर्म सिंह अपनी बीवी जमुना पर चढ़ बैठा.

उस ने जमुना से मारपिटाई भी की. जब ग्रुप की सभी मेंबरों को पता चला कि फसाद की असली जड़ राकेश है तो सब ने मिल कर उसे मौत के घाट उतारने में माया का साथ देने के लिए रास्ता खोजना शुरू कर दिया.

शराब के सुरूर में एक दिन जब इस मुद्दे पर बात हुई तो सब ने तय किया कि राकेश को ठिकाने लगाने से पहले किसी आरोप में धर्म सिंह को जेल भिजवाया जाए. इस गिरोह से जुड़ी सभी औरतों का एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता था. सभी के एकदूसरे के परिवार से घर जैसे संबंध बन गए थे.

इसी का लाभ उठाते हुए पहले से तैयार योजना के तहत रेखा ने किसी काम के बहाने धर्म सिंह को अपने घर बुलाया. रेखा को पता था कि धर्म सिंह शराब पीने का आदी है. इसी का लाभ उठा कर उस ने धर्म सिंह को पहले से घर में रखी कच्ची शराब पिलाई. जब धर्म सिंह नशे में डूब गया तो उस ने घर से बाहर आ कर शोर मचा दिया. रेखा के रोनेचीखने की आवाज सुन कर आसपास के लोग एकत्र हुए तो उस ने बताया कि धर्म सिंह उसे अकेला देख कर घर में घुस आया और उस की इज्जत लूटने की कोशिश करने लगा.

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