आमतौर पर यह माना जाता है कि ससुराल में बहू पर ही अत्याचार होता है. यह अत्याचार कभी ससुर करता है कभी सास. लखनऊ के माल थाना क्षेत्र के नबीपनाह गांव की रहने वाली बहू पर उसकी ससुराल वालों ने कोई अत्याचार नहीं किया बल्कि खुद उसने ही करोडों की जायदाद के लालच में अपने ससुर की हत्या चचेरे देवर और उसके दोस्त के साथ मिलकर कर दी और हत्या के आरोप में अपने पति और सगे देवर को फंसाने की कोशिश की, पर अपराध छिपाये नही छिपता और बहू को अपने डेढ साल के बच्चे के साथ जेल जाना पड़ा.
नबी पनाह गांव में मुन्ना सिंह अपने दो बेटो संजय और रणविजय सिंह के साथ रहते थे. 60 साल के मुन्ना सिंह की आम कह बाग और दूसरी जायदाद थी. जिसकी कीमत करोडो में थी. मुन्ना के बडे बेटे संजय की शादी रायबरेली जिले की रहने वाली सुशीला के साथ 5 साल पहले हुई थी.
सुशीला के 2 बच्चे 4 साल की बडी लडकी और डेढ साल का बेटा था. सुशीला पूरे घर पर कब्जा जमाना चाहती थी. इस कारण उसने अपने सगे देवर रणविजय से संबंध बना लिये. जिससे वह अपनी शादी न करे. सुशील को डर था कि देवर की शादी के बाद उसकी पत्नी और बच्चों का भी जायदाद में हक लगेगा. यह बात जब मुन्ना सिह को पता चली तो वह अपने छोटे बेटे की शादी कराने का प्रयास करने लगे. सुशीला को जायदाद की चिन्ता थी. वह जानती थी कि देवर रणविजय ससुर को राह से हटाने में उसकी मदद नहीं करेगा.