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तेलंगाना के हैदराबाद शहर के थाना राजीव गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट (थाना आरजीआईए) में 5 जून, 2023 दिन सोमवार की सुबह एक साधु जैसे कपड़े पहने हुआ आदमी पहुंचा. उस की उम्र यही कोई 35-36 साल थी. तंदुरुस्त शरीर, सफेद धोती, काले बाल और दाढ़ी, गले में माला, माथे पर बड़ा सा तिलक और उस के हाथ में मोबाइल था. उस ने एसएचओ टी.के. रेड्डी को नमस्कार किया तो जवाब में उन्होंने भी नमस्कार कर के उसे सामने पड़ी कुरसी पर बैठने का इशारा किया.

कुरसी पर बैठते ही उस ने कहा, “सर मैं बांगारू माइसम्मा मंदिर का पुजारी हूं. मेरा नाम अय्यागिरि वेंकट सूर्या साईंकृष्णाहै.”

इस के बाद उस ने दोनों हाथ जोड़ कर कहा, “सर, कल से मेरी भांजी गायब है. उसी के गायब होने की रिपोर्ट लिखाने आया हूं. उस की गुमशुदगी दर्ज कर के उसे खोज दीजिए प्लीज.”

“फोटो लाए हैं उस का?” एसएचओ टी.के. रेड्डी ने पूछा.

“जी सर, मैं उस का फोटो साथ लाया हूं. उस का नाम कुरूंगाती अप्सरा है. उम्र 30 साल और लंबाई 5 फुट 7 इंच है.” अप्सरा का फोटो मेज पर रखते हुए साईंकृष्णा ने कहा.

एसएचओ ने फोटो पर एक नजर डाली. अप्सरा सचमुच अप्सरा जैसी ही सुंदर थी.

एसएचओ ने फोटो देखते हुए पूछा, “अप्सरा कैसे और कहां से गायब हुई? पूरी बात विस्तार से बताइए?”

एक लंबी सांस ले कर पुजारी साईंकृष्णा ने कहा, “सर, मेरा घर और मंदिर सरूरनगर में है. मेरी बहन और भांजी भी सरूरनगर में ही रहती थीं. 3 जून शनिवार को अप्सरा को अपनी सहेलियों के साथ भद्राचलम जाना था. सारी सहेलियां शम्साबाद में बस स्टैंड पर मिलने वाली थीं. इसलिए उस ने मुझ से वहां छोड़ आने के लिए कहा.”

एसएचओ साईंकृष्णा की बातें ध्यान से सुन रहे थे. याद करते हुए साईंकृष्णा ने आगे कहा, “मैं ने अप्सरा को उस के घर से ले कर शम्साबाद पहुंचा दिया. इस के बाद सुबह से उस का फोन बंद बता रहा है. वह भद्राचलम भी नहीं पहुंची है और न अभी तक घर ही लौट कर आई है. पता नहीं वह कहां गई? कहीं रास्ते से उसे किसी ने उठा तो नहीं लिया? कुछ समझ में नहीं आता. उस की मां के साथ मैं ने उसे सब जगह तलाश लिया है, पर उस का कहीं कुछ पता नहीं चला. अब सर, जो कुछ कर सकते हैं आप ही कर सकते हैं.”

अप्सरा के फोटो को घूरते हुए एसएचओ ने पूछा, “कहीं किसी लड़के से प्रेम वगैरह तो नहीं था? घर में मां से लड़ाईझगड़ा तो नहीं होता था?”

“जी नहीं, ऐसी कोई बात नहीं थी. अप्सरा अपने काम से काम रखने वाली लड़की है.” साईंकृष्णा ने कहा.

“यह तुम्हारी सगी भांजी है?” एसएचओ ने पूछा.

एसएचओ के इस सवाल के जवाब में ‘न’ में सिर हिलाते हुए साईंकृष्णा ने कहा, “इस की मां अरुणा को मैं धर्म बहन मानता हूं. इसी रिश्ते से भांजी हुई. बाकी खून का कोई संबंध नहीं है.”

मामला थोड़ा विचित्र लगा, इसलिए कुछ सोचते हुए एसएचओ टी.के. रेड्डी ने कहा, “आप की शिकायत यहां दर्ज कर के थाना शम्साबाद को ट्रांसफर करनी पड़ेगी, क्योंकि घटना उसी इलाके की है. इसलिए इनवैस्टीगेशन वही लोग करेंगे.”

30 वर्षीया सुंदर युवती की गुमशुदगी का मामला था, इसलिए शिकायत मिलते ही थाना शम्साबाद पुलिस की टीम अप्सरा की खोज में लग गई. साईंकृष्णा के बताए अनुसार, सरूरनगर से अपनी कार में बैठा कर उस ने उसे शम्साबाद में बस स्टैंड पर उतारा था. सरूरनगर से शम्साबाद 21 किलोमीटर दूर है.

पुलिस की एक टीम सरूरनगर से शम्साबाद के बीच लगे सीसीटीवी की फुटेज की जांच करने में लग गई थी. सरूरनगर में साईंकृष्णा अप्सरा को कार में बैठाते तो दिखाई दिया, पर शम्साबाद में कहीं अप्सरा साईंकृष्णा की कार से उतर रही हो, ऐसा एक भी दृश्य वहां की सीसीटीवी फुटेज में दिखाई नहीं दिया.

टीम के सदस्यों ने यह जानकरी थाना शम्साबाद के एसएचओ को दी तो उन्होंने साईंकृष्णा को थाने बुला कर एक बार फिर पूरी जानकारी देने को कहा. इस बार थोड़ीथोड़ी देर में साईंकृष्णा अपना बयान बदलने लगा. उस के इस तरह बारबार बयान बदलने से एसएचओ को शक हुआ कि यह पुजारी निर्दोष तो बिलकुल नहीं लग रहा. इस की बात पूरी तरह सच बिलकुल नहीं है.

तब उन्होंने पुजारी से पूछा, “तुम ने अप्सरा को कहां उतारा था, वह एग्जैक्ट जगह बताओ.”

एसएचओ (शम्साबाद) के इस सवाल पर पुजारी थोड़ा बेचैन हुआ और बारबार बयान बदलने लगा. अब एसएचओ का शक विश्वास में बदलने लगा. उन्होंने सवाल पल सवाल करने शुरू किए तो पुजारी साईंकृष्णा ज्यादा देर तक अपने बयान पर टिका नहीं रह सका और सच्चाई उगल दी.

उस ने पुलिस को बता दिया कि अप्सरा अब इस दुनिया में नहीं है. उस ने खुद उस की हत्या कर के लाश मेनहोल में डाल दी है. उस की यह बात सुनते ही वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मी चौंक गए. पुलिस को सब से पहले अप्सरा की लाश बरामद करनी थी, इसलिए पुलिस ने साईंकृष्णा को घटनास्थल पर ले जा कर घटना का रिकंस्ट्रक्शन कराया.

चूंकि पुजारी ने मेनहोल में लाश डालने के बाद उस के ऊपर 2 ट्रक मिट्टी डलवा दी थी, इसलिए पुलिस ने मेनहोल की मिट्टी हटवा कर अप्सरा की लाश निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी. पोस्टमार्टम के बाद अप्सरा की लाश उस की मां अरुणा को सौंप दी गई. मां ने उस का अंतिम संस्कार करा दिया.

अभिनेत्री बनना चाहती थी अप्सरा

फिर 9 जून, 2023 को पुलिस ने प्रैस कौन्फ्रैंस कर पुजारी साईंकृष्णा को पत्रकारों के सामने पेश किया. इस प्रैस कौन्फ्रैंस में साईंकृष्णा ने अप्सरा हत्याकांड में अपना अपराध स्वीकार करते हुए उस की हत्या की जो कहानी सुनाई, वह इस प्रकार थी.

अप्सरा पहले अपनी मां अरुणा के साथ चेन्नै में रहती थी. वहां उस का विवाह भी हो गया था, लेकिन पति ने आत्महत्या कर ली थी तो अप्सरा अकेली पड़ गई. अप्सरा खूबसूरत तो थी ही, उसे अभिनय में रुचि भी थी. इसलिए वह मां के साथ हैदराबाद आ गई. यहां सरूरनगर की वेंकट कालोनी में किराए का मकान ले कर मांबेटी रहने लगीं. घर खर्च चलाने के लिए अप्सरा ने प्राइवेट नौकरी कर ली.

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