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हैदराबाद दक्षिण भारतीय फिल्मों और धारावाहिकों के लिए बहुत बड़ा गढ़ माना जाता है. अप्सरा भी फिल्मों और धारावाहिकों में काम कर के नाम और दाम कमाना चाहती थी. हैदराबाद में उस की जानपहचान वाला कोई नहीं था. वह ज्योतिष और भाग्य पर आंख मूंद कर भरोसा करती थी.

अप्सरा के भाग्य में फिल्मों और धारावाहिकों में काम करने का योग है कि नहीं, यह पता करने के लिए अप्सरा और उस की मां नजदीक स्थित बांगारू माइसम्मा मंदिर गई, जहां का पुजारी था अय्यागिरि वेंकट सूर्या साईंकृष्णा. साईंकृष्णा मंदिर का पुजारी तो था ही, वह एमबीए कर के बिल्डिंग निर्माण की ठेकेदारी भी करता था.

अरुणा और अप्सरा साईंकृष्णा से मिलीं. इस के बाद अप्सरा कुंडली दिखाने और भगवान के दर्शन के लिए मंदिर आने लगी. मंदिर में आतेआते अप्सरा की पुजारी से अच्छी जानपहचान हुई, फिर कुछ दिनों में दोस्ती हो गई. अब तक पुजारी का दिल अप्सरा पर आ चुका था. इस की वजह यह थी कि पुजारी वहां अकेला ही रहता था.

पुजारी को भांजी से हुआ प्यार

पुजारी साईंकृष्णा का दिल अप्सरा पर आया तो वह उस की हर तरह से मदद करने लगा. अप्सरा और उस की मां पर प्रभाव जमाने के लिए उस ने रिश्ता भी जोड़ लिया. अरुणा को उस ने मुंहबोली बहन बना लिया तो अप्सरा उस की भांजी हो गई. अप्सरा साईंकृष्णा को अन्ना कहती थी.

अप्सरा मंदिर आती ही रहती थी. तभी साईंकृष्णा को भांजी अप्सरा से प्यार हो गया. साईंकृष्णा ने रिश्ते की आड़ में उस पर डोरे डालतेडालते आखिर उसे अपने प्रेम जाल में फंसा ही लिया. साईंकृष्णा शादीशुदा था और उस के 2 बच्चे भी थे. परंतु उस की पत्नी बच्चों के साथ गांव में रहती थी. इसलिए यहां पुजारी को अप्सरा के साथ रंगरलिया मनाने का खुला मौका मिल गया था.

मंदिर परिसर में पुजारी के लिए कमरा बना था. उसी कमरे में अप्सरा साईंकृष्णा से मिलती थी. अप्सरा को पूरी उम्मीद थी कि पुजारी साईंकृष्णा उस से विवाह कर के उसे पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेगा. इसलिए उस से संबंध बढ़ाने में उसे कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई, लेकिन जब उसे पता चला कि पुजारी तो शादीशुदा ही नहीं, बल्कि 2 बच्चों का बाप भी है तब उसे तकलीफ तो बहुत हुई, पर उस ने न पुजारी का साथ छोड़ा और न ही उस की पत्नी बनने की उम्मीद छोड़ी.

अप्सरा लगातार पुजारी साईंकृष्णा से मिलती रही, पर अब वह उस पर दबाव बनाने लगी कि वह अपनी पत्नी को छोड़ कर उस से विवाह कर ले. साईंकृष्णा अप्सरा को झूठे आश्वासन दे कर उस का शारीरिक शोषण करता रहा. उन के अवैध संबंधों की भनक किसी को नहीं लगी.

अप्रैल, 2023 के अंतिम सप्ताह में अप्सरा ने साईंकृष्णा को बताया कि वह प्रैग्नेंट है. उस ने कहा कि वह इस बच्चे को जन्म देगी. यह सुन कर साईंकृष्णा घबरा गया. उस ने गर्भपात कराने की सलाह दी. अप्सरा ने मना करते हुए कहा, “मैं अपनी पहली संतान की हत्या का पाप कतई नहीं करूंगी.”

पर चालाक साईंकृष्णा ने अप्सरा को उलटीसीधी पट्टी पढ़ा कर, समझाबुझा कर गर्भपात करा ही दिया. इस के बाद अप्सरा आक्रामक हो गई और पुजारी पर विवाह के लिए दबाव डालने लगी. अब इस बात को ले कर दोनों के बीच खूब कहासुनी भी होने लगी.

अप्सरा की धमकी से डर गया पुजारी

जल्दी ही अप्सरा की समझ में आ गया कि इस पुजारी को केवल उस के शरीर में रुचि है. इसे न उस की जिंदगी से कोई मतलब है न उस की भावनाओं से. वह उसे खिलौने की तरह खेल कर किनारे कर देना चाहता है. वह उसे पत्नी नहीं बनाना चाहता यानी उस से विवाह नहीं करना चाहता.

फिर तो अप्सरा रणचंडी बन गई. उस ने साईंकृष्णा को चेतावनी देते हुए कहा, “मेरी यह आखिरी चेतावनी है. अगर तुम ने मुझ से विवाह नहीं किया तो इसी मंदिर में बैठ कर तुम्हारे पराक्रम की पूरी कथा सभी को सुनाऊंगी, अखबारों में छपवाऊंगी, वीडियो बना कर वायरल करूंगी. मेरा तो जो होना होगा, वह होगा ही, पर तुम्हारी भी इज्जत की ऐसीतैसी कर के रहूंगी.”

अब पुजारी को अप्सरा अप्सरा नहीं, बला लगने लगी थी. अब रातदिन वह इसी सोच में डूबा रहने लगा कि किस तरह इस बला से छुटकारा पाए. अप्सरा अब पूरी तरह बिंदास हो कर पुजारी को धमकियां दे रही थी, इसलिए वह बुरी तरह घबराया हुआ था.

आखिर काफी मानसिक परेशानी झेल कर उस ने अप्सरा से हमेशाहमेशा के लिए छुटकारा पाने का उपाय खोज ही लिया. उस ने गूगल पर सर्च किया कि इंसान को कैसे मारा जाए.

योजना के अनुसार, 3 जून, 2023 को उस ने अप्सरा को मनाने के बाद कहा, “चलो, आज लांग ड्राइव पर चलते हैं. चलते हुए रास्ते में विचार करते हैं. फिर शायद कोई रास्ता निकल ही आए.”

अप्सरा को भला क्यों ऐतराज होता. फिर पुजारी साईंकृष्णा के मन में क्या खिचड़ी पक रही है, उसे कहां पता था. वह सहज तैयार हो गई. अप्सरा ने पुजारी के कहने पर घर में मां को बताया कि उसे सहेलियों के साथ भद्राचलम जाना है. उस की सारी सहेलियां शम्साबाद में मिलेंगी. मामा यानी पुजारी साईंकृष्णा उसे अपनी कार से शम्साबाद तक छोड़ देंगे.

पुजारी ने लिखी मौत की स्क्रिप्ट

3 जून, 2023 को पुजारी साईंकृष्णा ने अप्सरा को उस के घर से कार में बिठा लिया और शम्साबाद की ओर चल पड़ा. वह शम्साबाद जाने के बजाय अप्सरा को कार में बैठा कर घुमाता रहा. अप्सरा को नींद की गोलियां खाने की आदत थी. नींद की गोली खा कर कार में बैठेबैठे जब अप्सरा को नींद आ गई तो साईंकृष्णा ने देर रात को शम्साबाद के पहले ही सुलतानपल्ली के गौशाला के पास सुनसान जगह में कार रोक दी. वह इस जगह को पहले ही देख गया था.

कार रुकी तो अप्सरा की आंखें खुल गईं. उस ने कहा, “यह कहां कार रोक दी?”

“अपना निर्णय सुनाने के लिए.” साईंकृष्णा ने कहा, “मैं ने खूब सोचविचार कर तय कर लिया है कि मुझे तुम से विवाह नहीं करना है. तुम से जो हो सके तुम कर लो. हमारा विवाह किसी भी हालत में संभव नहीं है.”

पुजारी का यह फैसला सुनते ही अप्सरा भडक़ उठी. वह हाथापाई पर उतर आई तो साईंकृष्णा ने उसे जोर से धक्का दिया. वह जमीन पर गिर पड़ी. इस के बाद उस ने कार में रखा एक बड़ा पत्थर उठाया और दांत भींच कर पूरी ताकत से अप्सरा के सिर पर दे मारा, जिस से उस का सिर फूट गया. उस के सिर से खून बहने लगा, लेकिन साईंकृष्णा अप्सरा के सिर पर उस पत्थर से तब तक वार करता रहा, जब तक वह मर नहीं गई. वह कार में 2 पत्थर साथ ले कर ही आया था.

पुजारी ने अप्सरा की हत्या कर के पत्थर से उस का चेहरा इस तरह कुचल दिया था कि लाश मिलने पर भी पहचानी न जा सके. इस के बाद उस ने वहां आसपास लकडिय़ों की तलाश की ताकि लाश को यहीं जला दे.

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