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दोस्तों की इस बात से आसिफ ने खुद को काफी अपमानित महसूस किया. उसे लगा कि शबाना से निकाह कर के उस ने बहुत बड़ी गलती की थी. उस दिन के बाद से आसिफ शबाना से उखड़ाउखड़ा रहने लगा. उसे शबाना में हजार कमियां नजर आने लगीं. बातबात में वह उस की पिटाई करने लगा. उस की इस पिटाई से शबाना का 2 बार गर्भपात हो गया.

शबाना परेशान थी कि इस तरह पिटते हुए जिंदगी कैसे बीतेगी? पति का व्यवहार काफी तकलीफ देने वाला था. परेशान हो कर उस ने पिता को फोन कर दिया कि दिल्ली आ कर वह उसे ले चलें. समरुद्दीन दिल्ली पहुंचे और शबाना को एटा ले गए. घर पहुंच कर शबाना ने मांबाप को पति द्वारा प्रताडि़त करने की सारी बात बता दी.

अब तक समरुद्दीन को कहीं से पता चल चुका था कि शादी से पहले आसिफ किसी शादीशुदा औरत को भगा ले गया था. पुलिस ने उसे चंडीगढ़ में गिरफ्तार किया था. लेकिन आसिफ के नाना इसलाम ने किसी तरह से उसे जेल जाने से बचा लिया था. उस के बाद आननफानन में शबाना से उस का निकाह करा दिया गया था. इस से समरुद्दीन को लगा कि उस के साथ धोखा हुआ है.

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आसिफ मोटी बीवी शबाना से छुटकारा पाने के बारे में सोचने लगा. कुछ दिनों बाद वह शबाना को ले आया. शबाना एक बार फिर गर्भवती हो गई. घर वाले बेटा होने की उम्मीद कर रहे थे. शबाना को लगा कि अगर बेटा न हुआ तो उस पर होने वाले अत्याचार बढ़ जाएंगे. समय पर शबाना को बेटा ही हुआ, लेकिन वह दिव्यांग था. उस का नाम आतिश रखा गया.

दिव्यांग बेटा पैदा होने की वजह से शबाना पर होने वाले अत्याचार बढ़ गए थे. सास ने कह दिया था कि दिव्यांग बच्चे पैदा करने वाली बहू के साथ उस के बेटे का कोई भविष्य नहीं है. अब वह अपने बेटे के लिए चांद सी बहू लाएगी.

‘‘तो फिर मेरा क्या होगा अम्मी?’’ शबाना ने पूछा तो अफसरी ने कहा, ‘‘तुझे तलाक दे देगा और क्या होगा. मेरा बेटा मर्द है, जवान है, 4-4 शादियां कर सकता है.’’

‘‘नहीं, यह गलत है.’’ शबाना ने कहा तो अफसरी ने आसिफ से कहा, ‘‘तोड़ दे इस के हाथपैर. अब यह हमें बताएगी कि क्या गलत है और क्या सही है.’’

आसिफ जानवरों की तरह शबाना पर टूट पड़ा. इस के बाद बातबात पर उस की पिटाई होने लगी. शबाना समझ नहीं पा रही थी कि वह अब क्या करे? दिव्यांग बेटा पैदा होने के बाद आसिफ बेलगाम हो गया था. अलीदराज और अफसरी अकसर फैक्ट्री में रहते थे. ऐसे में आसिफ बाजारू लड़कियों को घर ला कर शबाना के सामने ही कमरे में बंद हो जाता था. विरोध करने पर उस की पिटाई करता और उसे घर से निकाल देने की धमकी देता.

आसिफ शबाना को इतना परेशान कर देना चाहता था कि वह खुद ही घर छोड़ कर चली जाए. क्योंकि उस के लिए दूसरी बीवी की तलाश शुरू हो गई थी.

आसिफ अपने दोस्तों को घर बुला कर उन के साथ शराब पीता. उस के दोस्तों ने नशे में एक दो बार शबाना से छेड़छाड़ भी की. शबाना ने इस बात की शिकायत आसिफ से की तो उस ने कहा, ‘‘अगर तू मेरे दोस्तों के साथ सो जाएगी तो तेरा क्या बिगड़ जाएगा.’’

पति इतना गिर सकता है, शबाना ने सोचा भी नहीं था. शौहर की हरकतें बरदाश्त से बाहर होती जा रही थीं. शबाना समझ गई कि आसिफ उस से छुटकारा पाना चाहता है. वह बुरी तरह फंसी हुई थी. वह कुछ कर भी नहीं सकती थी. संयोग से उसी बीच वह गर्भवती हो गई. इस की जानकारी होते ही आसिफ ने कहा, ‘‘तुझे यह बच्चा गिरवाना होगा, वरना तू फिर से दिव्यांग बच्चे को जन्म देगी. हमें तो स्वस्थ बेटा चाहिए.’’

शबाना ने पति को बहुत समझाया, पर वह अपनी जिद पर अड़ा रहा. शबाना पिता को बुला कर उन के साथ मायके चली गई. वह ससुराल के बजाय मायके में ही बच्चे को जन्म देना चाहती थी. लेकिन अफसरी और आसिफ ने तय कर लिया था कि वह इस बच्चे को पैदा नहीं होने देंगे. उसी बीच आसिफ के लिए बरेली की एक लड़की तलाश कर ली गई थी. फरवरी, 2016 में आसिफ ससुराल पहुंचा और ससुर समरुद्दीन से कहा कि वह शबाना को ले जाना चाहता है.

लेकिन समरुद्दीन ने शबाना को विदा करने के बजाय कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ अदालत में घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराएंगे. ससुर के तेवर से आसिफ डर गया. उस ने माफी मांगते हुए कहा, ‘‘मुझ से जो गलती हुई, उसे माफ कर दें. अब मैं शबाना को कुछ नहीं कहूंगा.’’

आखिर समरुद्दीन ने कुछ लोगों को बुलाया तो उन के सामने आसिफ ने आश्वासन दिया कि अब वह शबाना को अच्छी तरह रखेगा. इस के बाद समरुद्दीन ने शबाना को विदा कर दिया.

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