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सुबह खेतों की ओर जाते हुए कुछ लोगों ने एक आदमी को पड़े देखा तो उन्हें लगा, शायद कोई शराब पी कर पड़ा है. लेकिन जब उन्होंने नजदीक जा कर देखा तो पता चला कि वह तो मरा पड़ा है. वह खून से लथपथ था, इस से लोगों ने अंदाजा लगाया कि यह हत्या का मामला है.

हत्या का अंदाजा होते ही वहां मौजूद लोगों में से किसी ने इस बात की जानकारी ग्रामप्रधान निर्मल सिंह को दे दी. कुछ ही देर में वहां अच्छीखासी भीड़ लग गई. लाश जसपुर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले गांव अहमदनगर के पास खेतों में पड़ी थी. ग्रामप्रधान निर्मल सिंह की सूचना पर जसपुर कोतवाली के एसएसआई संजीव कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए.

निरीक्षण में पुलिस ने देखा कि मृतक के शरीर पर किसी भी तरह का चोट का कोई निशान नहीं था. उस की हत्या गोली मार कर की गई थी. गोली आंख के पास लगी थी, जो छेद कर उस पार गले के पास से निकल गई थी.

मृतक की शिनाख्त के लिए पुलिस को किसी तरह की जहमत नहीं उठानी पड़ी. क्योंकि उसे वहां लगभग हर कोई जानता था. मृतक जसपुर के मोहल्ला गांगूवाला का रहने वाला जयप्रकाश था, जो घूमघूम पूरे दिन ठेले पर नीरा (खजूर के पेड़ का पानी) बेचता था. यही वजह थी कि अधिकांश लोग उसे जानतेपहचानते थे. हत्या की सूचना पा कर सीओ प्रकाशचंद आर्य भी घटनास्थल पर आ गए थे.

मृतक के कपड़ों की तलाशी में पुलिस को उस की जेब से पहचान पत्र, फोटो और 4 हजार रुपए नकद मिले थे. इस से यह साफ हो गया था कि मृतक की हत्या लूटपाट के लिए नही की गई थी.

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