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कोठी का ताला तोडऩे के बाद जब पुलिस अंदर घुसी तो ड्राइंगरूम के दरवाजे को खोलने के बाद पुलिस ने घर के एकएक कमरे को चैक करना शुरू किया. रेनू सिन्हा की कोठी दोमंजिला थी. इसी बीच पुलिस दल में शामिल लोगों ने जब बाथरूम का दरवाजा खोला तो एक तरह से उन की चीख निकलतेनिकलते बची. क्योंकि वहां रेनू की लाश पड़ी थी.

रेनू के सिर और कान से थोड़ा खून जरूर बह रहा था. जिस्म के दूसरे हिस्सों में भी चोट के कई निशान दिखाई पड़ रहे थे. इस से साफ था कि रेनू सिन्हा ने हत्या से पहले कातिल के साथ संघर्ष किया था. हैरानी की बात यह थी कि घर का सारा सामान अपनी जगह था, यानी वहां कोई लूटपाट या डकैती जैसी वारदात के कोई संकेत दिखाई नहीं पड़ रहे थे. लेकिन ताज्जुब की बात यह थी कि रेनू का पति नितिन फरार था.

यह वारदात 10 सितंबर, 2023 को देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिला नोएडा के सेक्टर 30 में स्थित कोठी नंबर डी 40 में हुई थी, उस के कारण पूरे पुलिस विभाग की नींद उड़ गई थी. वारदात ही ऐसी थी कि उस इलाके में रहने वाले लोगों के दिलोदिमाग में भी दहशत भर गई थी.

यह ऐसा सुरक्षित व पौश इलाका है, जहां कड़ी सुरक्षा के कारण अपराधी वहां आने से पहले सौ बार सोचे. यहां स्थित जिस आलीशान कोठी में ये वारदात हुई थी, उस में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाली 61 साल की सीनियर महिला एडवोकेट रेनू सिन्हा अपने पति नितिन नाथ सिन्हा के साथ रह रही थीं. पति ने कुछ साल पहले ही इंडियन इनफार्मेशन सर्विसेस यानी आईआईएस से वीआरएस लिया था.

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