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नौकरानी के गले में घुसेड़ दिया था कांच

आवाज सुन कर रेनू कमरे में आ गई. अम्माजी को निर्जीव बिस्तर पर पड़े देख उस ने तरुण से कहा, “ये तुम ने क्या किया?”

इस पर तरुण ने रेनू को दबोच लिया और मारपीट करते हुए टूटे हुए कांच से उस के शरीर पर वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. उस समय तरुण के सिर पर खून सवार हो चुका था. तरुण ने रेनू की हत्या करने के लिए उस के गले में शीशा फंसा दिया. मगर रेनू गिड़गिड़ाई और पेट में पल रहे बच्चे की दुहाई दी. इस पर तरुण ने रेनू को धमकी देते हुए कहा, “मेरा नाम अपनी जुबान पर हरगिज न लाना वरना तेरा भी यही अंजाम होगा.”

अपनी जान बचाने के लिए रेनू ने उस के कहे अनुसार हामी भर दी.

कमला देवी की हत्या तथा नकदी व जेवर लूटने के साथ ही नौकरानी रेनू शर्मा को गंभीर रूप से घायल कर तरुण गोयल शाम 4 बजे घर से निकल गया. अम्माजी की हत्या व अपने साथ हुई मारपीट से रेनू बदहवास हो कर मूर्छित हो गई थी. कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो वह उठी और रोते हुए पड़ोसी भाटियाजी को घटना की जानकारी दी.

इस पर शाम 5 बजे भाटियाजी ने फोन कर के शोभाजी को जानकारी देते हुए बताया, “आप लोगों के घर कोई घटना हो गई है, आप तुरंत घर चले आएं.”

इसी बीच किसी ने थाना उत्तर पुलिस को घटना की जानकारी दे दी. हत्या व लूट की सूचना मिलते ही तत्कालीन एसएचओ संजीव कुमार दुबे मय फोर्स के घटनास्थल पर पंहुच गए थे. तब तक वहां भीड़ एकत्र हो चुकी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करा दिया था.

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