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रायबरेली के रानानगर निवासी कालिका सिंह ने अपने पिता का नाम रोशन करने के लिए उन के नाम पर महाराजगंज में स्कूल खोल रखा था. कालिका चूंकि खूब पैसा कमाना चाहता था, इसलिए उस ने स्कूल चलाने के साथसाथ प्रौपर्टी डीलिंग का काम भी शुरू कर दिया था. उस का ज्यादातर समय इसी काम में बीतता था.

कालिका ने अपनी पत्नी योगिता को स्कूल की प्रिंसिपल बना रखा था. योगिता और कालिका की शादी 10 साल पहले हुई थी. योगिता सुल्तानपुर जिले के गौरीगंज कस्बे की रहने वाली थी. उस ने एमए तक पढ़ाई की हुई थी. योगिता और कालिका के 2 बेटे थे, 8 साल का यश और 6 साल का जय. कालिका सिंह में एक बुराई यह थी कि वह शराब का आदी हो गया था. इसी वजह से वह पत्नी और बच्चों की तरफ ध्यान नहीं दे पाता था.

पति की इसी आदत की वजह से योगिता को लगता था कि उस का पति दूसरी महिलाओं के चक्कर में पड़ गया है. उसे अपने स्कूल की कुछ महिला टीचरों पर शक होने लगा था. इसी बात को ले कर दोनों के बीच मनमुटाव और ज्यादा बढ़ने लगा. कालिका सिंह के स्कूल में एक टीचर था गौरव शर्मा. वह रायबरेली का रहने वाला था. योगिता 25 साल के गौरव को पसंद करने लगी थी. कहा जाता है कि पति के रंगढंग देख कर उस के मन में गौरव के प्रति प्रेम पनपने लगा था.

प्रिंसिपल होने के नाते योगिता की बात मानना गौरव की मजबूरी थी. योगिता जब तब मोबाइल पर गौरव से बातचीत करने लगी थी. रात में वह परेशान होती तो फोन पर गौरव से बात कर लेती. कुछ दिनों बाद कालिका सिंह को इस बात का पता चल गया तो वह योगिता पर शक करने लगा. कभीकभी अपना यह शक वह योगिता पर जाहिर भी कर देता था. साथ ही कहता भी था कि मैं सब पता लगा लूंगा. इस से डर कर योगिता मोबाइल और सिम बदलबदल कर गौरव से बात करने लगी.

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