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चूंकि मामला दोहरे हत्याकांड का था, लिहाजा जिले के डीसीपी सेजू पी. कुरुविला ने हत्यारों को पकड़ने के लिए एक बड़ी टीम का गठन कर दिया. इस टीम के सुपरविजन की जिम्मेदारी उन्होंने एडीशनल डीसीपी राजेंद्र सागर को सौंपी और औपरेशन की कमांड संभालने का जिम्मा एसीपी विनय माथुर को दिया.

विशेष टीम में पश्चिम विहार (वेस्ट) थाने के एसएचओ मुकेश कुमार, एडीशनल एसएसओ मनोज भाटिया, निहाल विहार थाने के एसएचओ धर्मपाल सिंह, एसआई रितुराज, एएसआई अनिल कुमार, महावीर, राजेंद्र सिंह, राजबीर, धनराज, हैडकांस्टेबल कृष्ण राठी, सुभाष, रजनीश, कांस्टेबल संदीप, अनिल, नवीन, नवीन यादव, वीरेंद्र, अमित, सुनील और महिला कांस्टेबल दिव्या को शामिल किया गया.

पुलिस की एक टीम सोनिया व उस के प्रेमी प्रिंस के मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकाल कर उस के फोन के सर्विलांस के काम में जुटी तो दूसरी टीम को उस से मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ का जिम्मा सौंपा गया.

संभावना बेटी के हत्यारी होने की

पुलिस टीम ने जब मृतका जागीर कौर व उन के पति गुरमीत सिंह के घर के आसपास लगे कुछ सीसीटीवी कैमरों की जांचपड़ताल करनी शुरू की तो कुछ सीसीटीवी कैमरों से ऐसी फुटेज भी मिल गई, जिस से साफ हो गया कि सोनिया और प्रिंस ही इस दोहरे हत्याकांड के जिम्मेदार हैं.

पुलिस टीम ने सर्विलांस की मदद से लखनऊ से ले कर दिल्ली तक अपना जाल बिछा दिया, क्योंकि प्रिंस लखनऊ का ही रहने वाला था. ताबड़तोड़ छापेमारी और पुलिस की घेराबंदी का नतीजा यह निकला कि 10 मार्च, 2019 की रात को पुलिस ने बाहरी दिल्ली इलाके में दिलेर मेहंदी फार्महाउस के पास से सोनिया और उस के प्रेमी प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया.

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