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26 जुलाई, 2014 को जिला हाथरस कोतवाली सदर के प्रभारी बी.एस. त्यागी को सुबहसुबह सूचना मिली कि कोटा रोड पर नरहौली बंबे के पास एक युवक की लाश  पड़ी है. सूचना मिलने के थोड़ी देर बाद थानाप्रभारी बी.एस. त्यागी सिपाहियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए.

शुरुआती निरीक्षण से ही पता चल गया कि यह हत्या का मामला है. मृतक का चेहरा किसी भारी पत्थर से कुचल दिया गया था. शायद ऐसा शिनाख्त मिटाने के लिए किया गया था. तलाशी में भी उस के पास से ऐसा कुछ नहीं मिला, जिस से उस की शिनाख्त हो पाती. जब वहां इकट्ठा लोगों ने भी उसे पहचानने से मना कर दिया तो थानाप्रभारी बी.एस. त्यागी ने घटनास्थल की औपचारिक काररवाई निपटाई और लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया.

हत्या का यह मामला हाथरस कोतवाली सदर में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कर लिया गया और अज्ञात युवक की हत्या के इस मामले की जांच एसएसआई रविंद्र कुमार को सौंप दी गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतक मुसलिम था, जिस की हत्या किसी भारी पत्थर से कुचल कर की गई थी. मृतक के पुरुषांग को भी कुचला मसला गया था.

इस बात से मामले की जांच कर रहे रविंद्र कुमार को लगा कि हत्यारा मृतक से काफी नफरत करता रहा होगा. ऐसा अधिकतर अवैध संबंधों के मामले में ही होता है. इसलिए इसी बात को ध्यान में रख कर जांच बढ़ाई गई. लेकिन जांच तभी आगे बढ़ सकती थी, जब मृतक की शिनाख्त हो जाती.

संयोग से उन्हें मृतक की शिनाख्त के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ा. 27 जुलाई की शाम को एक आदमी ने आ कर थानाप्रभारी बी.एस. त्यागी को बताया कि उस का किराएदार वकील 2 दिनों से गायब है. उस का फोन भी बंद है. पूछने पर जब उस आदमी ने वकील का हुलिया बताया तो वह हुलिया नरहौली के बंबे पर मिली लाश से पूरी तरह से मेल खा रहा था.

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