Extramarital affairs : संपन्न परिवार की 49 साल की मोहिनी के पति सतीश वाघ का इलाके में रुतबा था. दबंग होने की वजह से उन की तूती बोलती थी, लेकिन मोहिनी ने उन्हें अपने दिल से निकाल दिया था. इतने से भी उसे तसल्ली नहीं हुई तो एक दिन उस ने पति की हत्या ही करा दी. आखिर मोहिनी ने क्यों मिटाया अपना सिंदूर?

अक्षय जावलकर कई दिनों से परेशान था. उस वक्त वह इसी सोच में डूबा था कि आखिर वह इस जंजाल से किस तरह से निकले. तभी उस के फोन की घंटी बजी. उस ने तुरंत ही मोबाइल उठाया और फिर उस की स्क्रीन पर नजर डाली. फोन मोहिनी भाभी का था. मोहिनी के फोन को देखते ही उस का दिल जोरजोर से धड़कने लगा. आखिर वह भाभी को क्या जबाव दे, यही सोचतेसोचते फोन की रिंगटोन बंद हो गई. उस के बाद उस ने कुछ राहत की सांस ली, लेकिन फोन की घंटी फिर से बजने लगी तो उसे मजबूरन काल रिसीव करनी ही पड़ी. 

''हैलो, भाभी कैसी हो?’’

''मेरी छोड़ो, तुम अपनी सुनाओ. मेरी बात का तुम ने कोई जबाव नहीं दिया. ऐसे कब तक चलेगा. तुम मेरा काम करोगे या फिर मुझे कोई दूसरा रास्ता निकालना पड़ेगा.’’ मोहिनी ने अक्षय से नाराजगी जताई. 

''नहींनहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं. मैं हर पल आप के काम के बारे में ही सोचता रहता हूं.’’

''अक्षय, सोचने से काम नहीं चलेगा, उस काम को जितनी जल्दी हो सके, करो वरना...’’

मोहिनी के धमकी भरे शब्द सुन कर अक्षय का पसीना छूट गया. उस के बाद वह गहरी सोच में पड़ गया. वह भी क्या दिन थे, जब कभी वह मोहिनी के फोन आने के लिए बेचैन रहता था. उस का फोन आते ही उस का दिल बागबाग हो उठता था, लेकिन उस का वही फोन इस वक्त उस के लिए गले की हड्डी बन कर रह गया था. वह कई दिनों से मोहिनी के पति सतीश वाघ के रूटीन का पता लगाने की कोशिश कर रहा था. साथ ही वह पूरे एक माह से सतीश वाघ की रेकी भी कर रहा था, लेकिन वह अपने प्लान को अंजाम देने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. वह जानता था कि सतीश वाघ पर हाथ डालना एक तरह से शेर को छेडऩा था. 

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...