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किरन जवान हो चुकी थी. उस पर चूंकि कभी भी पारिवारिक पाबंदियां नहीं रही थीं इसलिए वह शुरू से ही फैशनपरस्त और आजादखयाल लड़की थी. मोबाइल, फिल्में, टीवी और इंटरनेट की दुनिया ने उसे और भी आधुनिक और स्वच्छंद बना दिया था. वह जो करना चाहती थी, कर गुजरती थी बिना इस बात की परवाह किए कि उस के परिवार वालों की नजर में वह अच्छा है या नहीं.

इसी सब के चलते किरन ने अपने परिवार की मरजी के खिलाफ 22 नवंबर, 2010 को एक विजातीय युवक रंजीत त्रिपाठी से प्रेमविवाह कर लिया था. रंजीत गांव लकड़पुर जिला फरीदाबाद का रहने वाला था. शादी के बाद किरन घर छोड़ कर रंजीत त्रिपाठी के साथ दिल्ली स्थित सरिता विहार के निकटवर्ती इलाके मदनपुर खादर में किराए के मकान में रहने लगी थी.

परिवार से अलग रह कर जब जिंदगी की कड़वी सच्चाइयों से सामना हुआ तो किरन और रंजीत दोनों ने अलगअलग प्राइवेट फर्मों में नौकरी कर ली. किरन ने जिस फर्म में नौकरी की, वह रियल एस्टेट का कारोबार करती थी. उस के मालिक का नाम महफूज आलम था. महफूज आलम का औफिस कालिंदीकुंज में था. कालिंदीकुंज मदनपुर खादर के पास ही है इसलिए किरन को औफिस आनेजाने में कोई परेशानी नहीं होती थी. महफूज आलम के साथ काम करतेकरते किरन उस के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गई थी.

नतीजतन महफूज आलम उसे अच्छी तनख्वाह के अलावा सौदे से मिलने वाली रकम में मोटा कमीशन भी देने लगा. इसी के चलते किरन ने अच्छाखासा बैंक बैलेंस इकट्ठा कर लिया था. दूसरी ओर उस के पति रंजीत को नौकरी से इतना पैसा भी नहीं मिलता था कि घर का खर्च ठीक से चल सके.

जब उम्मीद से ज्यादा पैसा मिलने लगता है तो कई कमजोर लोगों के पैर बहकने लगते हैं. किरन के साथ भी ऐसा ही हुआ. आय का स्रोत बढ़ा तो उस ने शराब पी कर देर से घर आना शुरू कर दिया. रंजीत ने यह बात किरन की मां पुष्पा कोहली को बताई. मां ने अपने स्तर पर किरन को समझाने का प्रयास भी किया लेकिन इस से किरन की दिनचर्या और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया.

नतीजतन पतिपत्नी के बीच मतभेद बढ़ने शुरू हो गए. इस बात को ले कर रंजीत और किरन के बीच कई बार गरमागरम बहस भी हुई. पति से जब ज्यादा मतभेद बढ़ गए तो किरन ने उस के खिलाफ दिल्ली की साकेत कोर्ट में तलाक का मुकदमा डाल दिया. इस के बाद वह 27 जून, 2013 को रंजीत का साथ छोड़ कर फरीदाबाद में मां के पास आ कर रहने लगी.

घर लौट कर भी किरन में कोई बदलाव नहीं आया. अब उस ने नाइटक्लब में शराब पी कर देर रात घर आना शुरू कर दिया था. जवाब मांगने पर वह गालीगलौज और मारपीट तक पर उतर आती थी. किरन का हाईप्रोफाइल लाइफस्टाइल कोहली परिवार के लिए बदनामी का कारण बन रहा था. एक तो शादी के बाद भी बेटी घर में बैठी थी, दूसरे वह शराब पी कर देर रात घर लौटती थी. मां पुष्पा कोहली इस बात को ले कर तनावग्रस्त रहने लगी थी. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि इस समस्या का कैसे समाधान करे. यह सब चल ही रहा था कि किरन की हत्या हो गई थी.

बहरहाल, इंसपेक्टर विमल कुमार ने अपनी टीम के साथ बेहद बारीकी से घटनास्थल का मुआयना किया तो पाया कि पुष्पा कोहली द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट और मौकाएवारदात पर पाए गए सुबूतों में काफी झोल है. इसी को ध्यान में रख कर उन्होंने सुरेंद्र कोहली के किराएदार राजेश सिंह, नौकरानी सपना व उस के पति अजीत के अलगअलग बयान दर्ज किए.

जब उन बयानों को क्रौस चैक किया गया तो विमल कुमार को कई बातों पर शक हुआ. मसलन किरन ने पुष्पा को गिलास में पानी दिया था जिसे पी कर वह बेहोश हो गई थी और शायद बाद में सो गई थी. यह बात समझ के बाहर थी कि किरन ने बिना मांगे मां को पानी क्यों दिया और उस ने क्यों पीया? इंसपेक्टर विमल कुमार ने गिलास के बचे पानी को सूंघ कर देखा तो वह सामान्य पानी था और उस में किसी तरह की कोई गंध नहीं थी. फिर भी उन्होंने उस पानी और गिलास को जांच के लिए प्रयोगशाला भिजवा दिया.

दूसरे पुष्पा कोहली से जब दोनों बुरकेवालियों के डीलडौल, शक्ल और आवाज के बारे में सवाल किए गए तो वह कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सकी. संदेह हुआ तो पुलिस टीम ने पुष्पा कोहली का मोबाइल फोन सर्विलांस पर ले लिया और उस के फोन की पिछले 6 महीने की काल डिटेल्स निकलवाई.

इस बीच पुष्पा कोहली के पति सुरेंद्र कोहली, बेटा नितिन और कुछ अन्य रिश्तेदार भी आ गए थे. माहौल कुछ ऐसा था कि पुलिस पुष्पा से कड़ाई से पूछताछ भी नहीं कर सकती थी. अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद किरन का शव उस के परिवार को सौंप दिया गया. उन लोगों ने उसी दिन उस का अंतिम संस्कार कर दिया. अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए किरन की नानी भी आई थी. इंसपेक्टर विमल कुमार ने नानी से भी पूछताछ की.

पता चला कि वह पूरी तरह से स्वस्थ थी. जबकि पुष्पा ने अपनी इसी मां को अस्वस्थ बता कर पति सुरेंद्र कोहली और बेटे नितिन को 250 किलोमीटर दूर बठिंडा भेजा था.

पुष्पा से टुकड़ों में हुई पूछताछ में महफूज आलम का नाम कई बार आया था. बुरकेवाली औरतों का जिक्र आने से पुलिस का शक महफूज आलम पर ही गया. पुलिस ने महफूज आलम से पूछताछ की लेकिन उस ने इस मामले में अपनी कोई भी भूमिका होने से इनकार किया. अलबत्ता यह जरूर माना कि किरन उस के यहां काम कर चुकी थी और वह उसे मोटा वेतन देता था.

महफूज हालांकि किरन की हत्या में अपनी कोई भी भूमिका होने से इनकार कर रहा था. फिर भी हत्या का मामला होने की वजह से पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए थाने में ही बिठाए रखा बाद में उसे छोड़ दिया गया.

किरन की हत्या की सूचना पा कर उस का पति रंजीत त्रिपाठी भी फरीदाबाद आ गया था. वह फिलहाल मुंबई में नौकरी कर रहा था. पुलिस ने उस से भी पूछताछ की लेकिन हत्या में उस की किसी भी तरह की भूमिका न मिलने पर अगले आदेश तक उसे घर छोड़ कर न जाने की कड़ी हिदायत दे कर जाने दिया गया.

पुष्पा कोहली के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स पुलिस के पास आ गई थी. उस का गहराई से अध्ययन करने पर पुलिस को उस में एक ऐसा नंबर मिला जिस पर पुष्पा दिन के समय हफ्ते में 2-3 बार फोन करती थी. यह नंबर पंजाब का था. पुष्पा से इस नंबर के बारे में पूछा गया तो उस ने बताया कि वह नंबर उस के  एक मुंहबोले चाचा का है, जो पंजाब में रहता है. उस से वह पारिवारिक बातें करती थी.

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