श्यामबाबू ने फोटो गौर से देखा फिर बोला, ‘‘सर, यह फोटो मेरी भांजी नीलम की है. इस की यह हालत किस ने की?’’
‘‘नीलम को उस के पति विजय प्रताप ने अपने भाई अजय की मदद से मार डाला है. इस समय दोनों भाई हवालात में हैं. 2 दिन पहले नीलम की लाश ईशन नदी पुल के नीचे मिली थी.’’ थानाप्रभारी ने बताया.
नीलम की हत्या की बात सुनते ही श्यामबाबू फफक पड़ा. वह बोला, ‘‘सर, मैं ने पहले ही नीलम को मना किया था कि विजय ऊंची जाति का है. वह उसे जरूर धोखा देगा. लेकिन प्रेम दीवानी नीलम नहीं मानी और 4 महीने पहले घर से भाग कर उस से शादी कर ली. आखिर उस ने नीलम को मार ही डाला.’’
थानाप्रभारी टी.पी. वर्मा ने बिलख रहे श्यामबाबू को धीरज बंधाया और उसे वादी बना कर भादंवि की धारा 302, 201 के तहत विजय प्रताप व अजयप्रताप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. इस के बाद उन्होंने कातिलों के पकड़े जाने की जानकारी एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह तथा सीओ (तिर्वा) सुबोध कुमार जायसवाल को दे दी.
जानकारी पाते ही एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रैसवार्ता कर के कातिलों को मीडिया के सामने पेश कर घटना का खुलासा कर दिया.
रमेश कुमार अपने परिवार के साथ लखनऊ के चारबाग में रहता था. उस के परिवार में पत्नी सीता के अलावा एकलौती बेटी थी नीलम. रमेश रोडवेज में सफाईकर्मी था और रोडवेज कालोनी में रहता था. रमेश और उस की पत्नी सीता नीलम को जान से बढ़ कर चाहते थे.
रमेश शराब बहुत पीता था. शराब ने उस के शरीर को खोखला कर दिया था. ज्यादा शराब पीने के कारण वह बीमार पड़ गया और उस की मौत हो गई. पति की मौत के बाद पत्नी सीता टूट गई, जिस से वह भी बीमार रहने लगी. इलाज के बावजूद उसे भी बचाया नहीं जा सका. उस समय नीलम महज 8 साल की थी.