इस हत्या की क्या वजह हो सकती है, जानने के लिए पुलिस ने मृतका के पति बृजेश चौरसिया को थाने बुलाया. उस से पूछताछ की तो उस ने बताया कि मीनाक्षी की हत्या उस के पिता राजकुमार चौरसिया ने की है, क्योंकि मीनाक्षी ने अपने घर वालों की मरजी के खिलाफ उस से लवमैरिज की थी. इस बात से उस के घर वाले नाराज थे.
चूंकि बृजेश ने सीधा आरोप अपने ससुर राजकुमार पर लगाया था, इसलिए पुलिस उसे तलाश करने लगी. लेकिन वह अपने घर से फरार मिला. आखिर राजकुमार चौरसिया के मोबाइल फोन की लोकेशन के सहारे पुलिस उस के पास पहुंच ही गई और उसे उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज में स्थित उस के पैतृक घर से दबोच लिया.
मुंबई ला कर उस से उस की बेटी की हत्या के बारे में पूछताछ की तो राजकुमार ने अपनी बेटी की हत्या के मामले में अनभिज्ञता जाहिर की लेकिन पुलिस टीम ने जब उस से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की तो वह टूट गया और तोते की तरह बोलते हुए अपना गुनाह स्वीकार लिया.
इस के बाद पुलिस ने राजकुमार चौरसिया को कोर्ट में पेश कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया. रिमांड अवधि में उस से की गई पूछताछ के बाद मीनाक्षी चौरसिया हत्याकांड की जो कहानी उभर कर सामने आई, उस की पृष्ठभूमि कुछ इस प्रकार थी—
55 वर्षीय राजकुमार चौरसिया मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज के गांव नुमाईडाही का रहने वाला था.
गांव में उस के परिवार की सिर्फ नाममात्र की काश्तकारी थी. उस का पुश्तैनी काम पान बेचने का था. गांव के बाजारों से जो आमदनी होती थी, उस से ही घर और परिवार की रोजीरोटी चलती थी. इस आमदनी से राजकुमार संतुष्ट नहीं था.