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11 सितंबर, 2018 की सुबह करीब 8 बजे कानपुर शहर के थाना कैंट के थानाप्रभारी ललितमणि त्रिपाठी थाने में पहुंचे ही थे कि उसी समय एक व्यक्ति बदहवास हालत में उन के पास पहुंचा. उस ने थानाप्रभारी को सैल्यूट किया फिर बताया, ‘‘सर, मेरा नाम दिलीप कुमार है. मैं सिपाही पद पर पुलिस लाइन में तैनात हूं और कैंट थाने के पुलिस आवास ब्लौक 3, कालोनी नंबर 29 में रहता हूं. बीती रात मेरी दूसरी पत्नी बबीता ने पंखे से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. आप को सूचना देने थाने आया हूं.’’

चूंकि विभागीय मामला था. अत: थानाप्रभारी ललितमणि त्रिपाठी ने दिलीप की सूचना से अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया फिर सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. पुलिस टीम जब दिलीप के आवास पर पहुंची तो बबीता का शव पलंग पर पड़ा था. उस की उम्र करीब 23 साल थी. उस के गले में खरोंच का निशान था. वहां एक दुपट्टा भी पड़ा था. शायद उस ने दुपट्टे से फांसी का फंदा बनाया था.

थानाप्रभारी अभी जांच कर ही रहे थे कि एसएसपी अनंत देव, एसपी राजेश कुमार यादव तथा सीओ (कैंट) अजीत प्रताप सिंह फोरैंसिक टीम के साथ वहां आ गए. पुलिस अधिकारियों ने बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण किया फिर सिपाही दिलीप कुमार व उस की पत्नी बबली से पूछताछ की.

दिलीप ने बताया कि उस की ब्याहता पत्नी बबली है. बाद में उस ने साली बबीता से दूसरा ब्याह रचा लिया था. दोनों पत्नियां साथ रहती थीं. बीती रात बबीता ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली जबकि बबली ने बताया कि बबीता को मिरगी का दौरा पड़ता था. वह बीमार रहती थी, जिस से परेशान हो कर उस ने आत्महत्या कर ली.

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