पुलिस टीम ने पिंकी के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि वह एक नंबर पर सब से ज्यादा बात करती थी. इस नंबर की जानकारी जुटाई गई तो पता चला यह नंबर प्रदीप यादव निवासी आदमपुर थाना सौरिख (कन्नौज) का है. पुलिस को एक और चौंकाने वाली जानकारी मिली कि बलराम की हत्या के एक दिन पहले तथा हत्या वाले दिन भी पिंकी की बात प्रदीप से हुई थी.
रिकौर्ड के अनुसार 14 सितंबर की रात 7 बजे तथा 15 सितंबर की सुबह 4 बजे पिंकी और प्रदीप के बीच बात हुई थी. बलराम की हत्या की जो तसवीर अभी तक धुंधली थी, अब साफ होने लगी थी. पिंकी और प्रदीप अब पूर्णरूप से शक के घेरे में आ गए थे. बस उन का कबूलनामा शेष था.
23 सितंबर, 2019 को सुबह 10 बजे पुलिस टीम इंदरगढ़ थाने के गांव गसीमपुर पहुंची और लायक सिंह की बेटी सावित्री उर्फ पिंकी यादव को हिरासत में ले लिया. पिंकी को पुलिस हिरासत में देख कर गांव में कानाफूसी होने लगी. खासकर महिलाएं चटखारे ले कर तरहतरह की बातें करने लगीं. पुलिस पिंकी को थाने ले आई. थाने में आते ही पिंकी का चेहरा उतर गया.
पुलिस ने पिंकी यादव से बलराम की हत्या के संबंध में पूछताछ शुरू की तो वह भावनात्मक रूप से पुलिस को बरगलाने का प्रयास करने लगी. लेकिन जब पुलिस टीम ने महिला दरोगा अनीता सिंह को सच उगलवाने का आदेश दिया तो पिंकी टूट गई और उस ने भाई की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया.
पिंकी ने बताया कि भाई बलराम की हत्या का षडयंत्र उस ने अपने प्रेमी प्रदीप यादव और उस के दोस्त रामू के साथ मिल कर रचा था.