अक्षय को उस रोज झटके पर झटके लग रहे थे. वह कभी सुधा के गिरगिट की तरह बदलते रंग को समझने की कोशिश कर रहा था तो कभी पत्नी और दोस्त द्वारा एकदूसरे का नाम ले कर की जा रही बातचीत पर हैरान हो रहा था.
इस से पहले दोनों कभी भी इस तरह से एकदूसरे का नाम नहीं लेते थे. सागर हमेशा सुधा को भाभीजी और सुधा सागर को भाईसाहब कह कर बुलाती थी.
उस रोज सागर, सुधा और अक्षय ने साथ चाय पी. चाय पीते हुए सागर ने पब्लिक स्कूल में बच्चे का नाम लिखवाने के बारे में बातें कीं. इस पर अक्षय ने मायूसी से कहा कि उस के पास फीस, किताबों और स्कूल ड्रैस के लायक पैसे नहीं हैं. इस पर सुधा ने ताना दे डाला था, ‘‘तो बच्चा पैदा क्यों किया? शादी ही नहीं करते?’’
यह बात अक्षय को काफी तकलीफ दे गई. लेकिन दोस्त के सामने कुछ कह नहीं पाया. उस दिन अक्षय और सुधा के बीच जो तकरार की शुरुआत हुई, उस का सिलसिला बढ़ता ही चला गया.
अक्षय अपनी पत्नी के बदलते रंगढंग से परेशान रहने लगा था. वह समझ नहीं पा रहा था कि सुधा के व्यवहार में इस तरह से बदलाव क्यों आ गए. उस ने सुधा के साथ 2014 में प्रेम विवाह किया था. इस के लिए उसे अपने मातापिता की काफी मिन्नतें करनी पड़ी थीं.
वही सुधा उस के साथ प्रेम की सारी बातें भूल चुकी थी. अक्षय से हमेशा झगड़ने के मूड में रहती थी. बातबात पर ताने मारती रहती थी. किंतु सागर की तारीफ के पुल बांधने से भी पीछे नहीं हटती थी.