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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सोनू के सिर व गले पर तेज धारदार हथियार से 20 से ज्यादा वार किए गए थे. बेटे व बेटी के सिर पर भी धारदार हथियार के 12 से 15 निशान मिले.

शव सौंपे जाने पर अंत्येष्टि को ले कर डा. प्रकाश सिंह और उन की पत्नी के पक्ष के बीच विवाद हो गया. सोनू सिंह की बहन सीमा अरोड़ा ने कहा कि वह सोनू और दोनों बच्चों के शवों की अंत्येष्टि दिल्ली ले जा कर करेंगी. इस पर डा. प्रकाश के परिजन बिफर गए. उन की बहन शकुंतला ने कहा कि अंत्येष्टि कहीं भी करो, लेकिन चारों की एक साथ ही होनी चाहिए.

बाद में अन्य लोगों के दखल पर यह तय हुआ कि चारों की अंत्येष्टि गुरुग्राम में सेक्टर-32 के श्मशान घाट में की जाए. बाद में जब मुखाग्नि देने की बात आई तो इस बात को ले कर भी विवाद होतेहोते बचा. आपसी सहमति से सोनू, अदिति व आदित्य के शव को मुखाग्नि सीमा अरोड़ा के परिवार वालों ने दी. जबकि डा. प्रकाश के शव को उन की बहन के परिवार वालों ने मुखाग्नि दी.

उत्तर प्रदेश में वाराणसी के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले डा. प्रकाश सिंह के पिता रामप्रसाद सिंह उर्फ रामू पटेल एक किसान थे. प्रकाश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की थी. सोनू सिंह भी उन के साथ ही पढ़ती थीं, इसलिए दोनों में जानपहचान हो गई. फिर वे एकदूसरे से प्यार करने लगे.

बाद में दोनों ने ही रसायन विज्ञान में एम.एससी. की. एम.एससी. में दोनों ने गोल्ड मैडल हासिल किए थे. इस के बाद दोनों ने डाक्टरेट की डिग्री हासिल की. डाक्टरेट की पढ़ाई के दौरान दोनों ने अपनेअपने घर वालों की इच्छा के खिलाफ 1996 में शादी कर ली.

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