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उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद की तहसील ठाकुरद्वारा से लगभग 8 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में स्थित है गांव निर्मलपुर. वैसे तो इस गांव में हर वर्ग के लोग रहते हैं, लेकिन यहां ज्यादा आबादी मुसलिम वर्ग की है. 9 जून, 2019 को रात के कोई साढ़े 10 बजे का वक्त रहा होगा. उसी समय अचानक इसी गांव में रोहताश के घर से चीखनेचिल्लाने की आवाजें आने लगीं.

चीखने की आवाज सुन कर गांव के लोग चौंक गए, क्योंकि रोहताश का घर वैसे भी गांव के पूर्व में बाहर की ओर था. लोगों ने सोचा कि रोहताश के घर में शायद बदमाश घुस आए हैं. इसलिए पड़ोसी अपनीअपनी छतों पर चढ़ कर उस के घर की स्थिति का जायजा लेने लगे. लेकिन रात के अंधेरे में कुछ भी मालूम नहीं पड़ रहा था. इसी कारण कोई भी उस के घर पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था.

रोहताश के घर से लगा हुआ उस के छोटे भाई छतरपाल का मकान था. छतरपाल का बड़ा बेटा सुनील प्रजापति अपने ताऊ के घर से चीखपुकार की आवाजें सुन कर समझ गया कि वहां कुछ तो गड़बड़ है. जानने के लिए वह अपनी छत पर चढ़ गया. उस ने देखा कि एक आदमी उस की ताई पर लिपट रहा है. यह देख कर वह तैश में आ गया.

वह फुरती से अपने घर की दीवार लांघ कर ताऊ रोहताश के घर में जा पहुंचा. वहां का मंजर देख कर वह डर के मारे थर्रा गया. उस वक्त उस ने देखा कि उस के ताऊ रोहताश के हाथ में कैंची है, जिस से वह ताई को मारने की कोशिश कर रहा था. वह उसी कैंची से अपने चारों बच्चों को पहले ही लहूलुहान कर चुका था.अपने सामने खड़े शैतान बने ताऊ को देखते ही उसे डर तो लगा लेकिन फिर भी उस ने जैसेतैसे कर हिम्मत जुटाई और फुरती दिखाते हुए उस ने अपने ताऊ को दबोच लिया. उस ने ताकत के बल पर उस के हाथ से वह कैंची भी छीन कर नीचे फेंक दी.

सुनील की हिम्मत को देखते हुए पड़ोसी भी घटनास्थल पर इकट्ठे हो गए. उसी दौरान रोहताश वहां से फरार हो गया. वहां पर मौजूद लोगों ने देखा कि उस के 4 बच्चे 18 वर्षीय सलोनी, 16 वर्षीय शिवानी, 14 वर्षीय बेटा रवि और सब से छोटा 10 वर्षीय बेटा आकाश बुरी तरह से लहूलुहान पड़े हुए चीख रहे थे. उन की नाजुक हालत देखते हुए गांव वालों के सहयोग से सुनील ने उन्हें ठाकुरद्वारा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया. रवि को देखते ही डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

तीनों बच्चों की बिगड़ी हालत को देखते हुए डाक्टरों ने उन्हें काशीपुर के हायर सेंटर रेफर कर दिया. काशीपुर में उन्हें एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया, जहां पर 2 बच्चों की हालत ज्यादा नाजुक बनी हुई थी. अगले दिन ही सोमवार को इस मामले के सामने आते ही ठाकुरद्वारा पुलिस ने काशीपुर पहुंच कर घायल बच्चों की स्थिति का जायजा लिया. पुलिस ने रोहताश की पत्नी कलावती से जानकारी हासिल की.

पुलिस पूछताछ में कलावती ने बताया कि उस का पति रोहताश शराब पीने का आदी था. वह अपनी कमाई के ज्यादातर पैसे शराब पीने में ही खर्च कर देता था. वह और उस के बच्चे जब कभी भी उस से खर्च के लिए पैसों की मांग करते तो वह पैसे देने के बजाए उन्हें मारनेपीटने पर उतारू हो जाता था.

कलावती ने पुलिस को बताया कि रविवार की शाम जब पति देर रात घर वापस लौटा तो काफी नशे में था. खाना खा कर सभी लोग छत पर सो गए. रात में उठ कर रोहताश ने गहरी नींद में सोए बच्चों पर कैंची से हमला करना शुरू कर दिया. उस ने चारों बच्चों को इतनी बुरी तरह गोदा कि उन की आंतें तक बाहर निकल आईं.

बच्चों के चीखने की आवाज सुन कर कलावती जाग गई. उस ने बच्चों को बचाने की कोशिश की तो वह उस पर भी कैंची से हमला करने लगा. उसी दौरान किसी तरह सुनील आ गया. यदि वह नहीं आता तो बच्चों की तरह वह उस का भी यही हाल कर देता.

पुलिस ने रोहताश के भाई विजयपाल सिंह की तहरीर पर रोहताश के खिलाफ हत्या और हत्या का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कर लिया. मामले की विवेचना कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने स्वयं ही संभाली.

कलावती से पूछताछ के बाद कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार सिंह को पता चला कि रोहताश के परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. कलावती के पास बच्चों का इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं थे. इस स्थिति को देखते हुए कोतवाल ने उसी वक्त घायल बच्चों के इलाज के लिए 50 हजार रुपए की मदद कलावती को की. उन्होंने 50 हजार रुपए कलावती के खाते में डलवा दिए.

घटना को अंजाम देने के बाद से ही रोहताश फरार हो गया था. उस का पता लगाने के लिए 3 पुलिस टीमें गठित की गईं. पुलिस टीमें रोहताश को हरसंभव स्थान पर खोजने लगीं. लेकिन उस का कहीं भी अतापता नहीं था.

इस केस की गहराई तक जाने के लिए पुलिस ने रोहताश के परिजनों के साथसाथ उस के कुछ खास रिश्तेदारों से भी पूछताछ की. लेकिन इस पूछताछ में पुलिस के हाथ कोई ऐसा सुराग नहीं लगा, जिस के आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ सके.

उसी दौरान पुलिस को पता चला कि रोहताश काफी दिनों से परेशान दिख रहा था. उसे तांत्रिकों के पास चक्कर लगाते भी देखा गया था. तांत्रिक का नाम सामने आते ही पुलिस ने कयास लगाया कि कहीं यह सब मामला तांत्रिक से ही जुड़ा हुआ तो नहीं है.

पुलिस ने उस की बीवी कलावती से इस बारे में पूछताछ की तो उस ने बताया कि उसे किसी के द्वारा जानकारी तो मिली थी कि वह आजकल किसी तांत्रिक के पास जाता है. क्यों जाता था, यह पता नहीं. गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि रोहताश अकसर किसी खजाने के मिलने वाली बात कहा करता था.

उस ने गांव के कई लोगों के सामने कहा था कि उसे बहुत जल्दी खजाना मिलने वाला है. उस खजाने के मिलते ही उस की सारी गरीबी खत्म हो जाएगी. लेकिन उस ने कभी भी इस बात का जिक्र नहीं किया था कि उसे खजाना किस तरह से मिलने वाला है.

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