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विगत होली पर जब रोहताश के रिश्तेदार उस से मिलने आए तो उन्होंने कलावती से शिकायत की कि वह उन से फोन पर भी बात नहीं करती. तब कलावती को पता चला कि रिश्तेदारों ने उस से बात कराने के लिए रोहताश को कई बार फोन किया था, पर उस ने जानबूझ कर उस की बात नहीं कराई. इस पर कलावती बौखला उठी. उस ने पति को उलटीसीधी सुनाते हुए अपना एक अलग मोबाइल दिलाने की बात कही.

इस बात को भी रोहताश ने अपने साढ़ू से जोड़ते हुए सोचा कि वह जरूर अपने जीजा से बात करने के लिए ही अलग मोबाइल मांग रही है. यानी उस के दिमाग में शक का कीड़ा और भी बलवती हो उठा. मोबाइल दिलाने की बात को ले कर दोनों के बीच फिर से नोकझोंक हुई.

बात इतनी बिगड़ी कि गुस्से में आ कर रोहताश ने अपना भी मोबाइल तोड़ डाला. उस के बाद उस ने पत्नी को हिदायत दी कि वह भविष्य में अपने जीजा से बात न करे अन्यथा अंजाम बहुत बुरा होगा. रोहताश की यह धमकी सुन कर कलावती ने इस की शिकायत अपने भाई लक्खू से कर दी. लक्खू ने फिर से अपने जीजा रोहताश को समझाने की कोशिश की, लेकिन रोहताश पर उस की बातों का कोई असर नहीं हुआ.

साले के घर से जाते ही रोहताश ने बीवी को अपशब्द कहे, साथ ही उस ने उस से घर छोड़ कर चले जाने को भी कह दिया. इस पर दोनों में तकरार बढ़ गई. इसी तूतूमैंमैं के बीच कलावती ने पति से कहा कि यह घर छोड़ कर तो तुम्हें चले जाना चाहिए.

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