दुनिया में इंसान को सब कुछ मिल जाता है, लेकिन एक ही मां से पैदा हुए भाईबहन कभी नहीं मिलते. भाईबहन का प्यार दुनिया के लिए एक मिसाल है. भाई अपनी बहन को इतना प्यार करता है कि उस के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है. बहन भी शादी के बाद ससुराल चली जाती है तो हमेशा अपने भाई की खुशी की कामना करती रहती है.

लेकिन आज की इस रंग बदलती दुनिया में मुंबई के रहने वाले 2 भाइयों रविंद्र वेर्लेकर और मोहनदास वेर्लेकर ने अपनी सगी बहन सुनीता वेर्लेकर को 20 सालों तक एक अंधेरी कोठरी में कैद कर के रखा. बिना किसी कसूर के उस ने उस कोठरी में जो जिंदगी गुजारी, उसे जान कर हर किसी का मन द्रवित हो उठेगा.

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11 जुलाई, 2017 की बात है. हमेशा की तरह उस दिन भी सवीना मार्टिंस अपनी संस्था के औफिस में समय से पहुंच गई थीं. वह अपने कंप्यूटर पर आए ईमेल मैसेज चैक करने लगीं. मैसेज को पढ़ते पढ़ते उन की नजर एक निवेदन पर आ कर रुक गई. वह निवेदन बहुत ही गंभीर और अत्यंत मार्मिक था. किसी अजनबी व्यक्ति द्वारा भेजे गए उस मैसेज को पढ़ कर सवीना मार्टिंस सन्न रह गईं. उन्हें उस संदेश पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसे भी लोग हैं, जो इंसान और इंसानियत के नाम पर कलंक है.

सवीना मार्टिंस गोवा के पणजी शहर की एक जानीमानी समाजसेवी संस्था की अध्यक्ष हैं. उन की संस्था नारी उत्पीड़न रोकने का काम करती है. औनलाइन भेजे गए उस मार्मिक संदेश में उस व्यक्ति ने लिखा था कि ‘पणजी बांदोली गांव सुपर मार्केट के आगे एक बंगले के पीछे बनी कोठरी में सुनीता वेर्लेकर नामक महिला कई सालों से कैद है. मेरी आप से विनती है कि आप उस की मदद कर के उसे उस कैद से मुक्त कराएं.’

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