Hardoi News : एक कलंकित रिश्ता परिवार को बिखेर सकता है, अपने ही खून के हाथों खून करा सकता है. ऐसा ही कुछ...
शिवराज कुशवाहा जनपद हरदोई के गांव देहीचोर अंटवा में अपने परिवार के साथ रहते थे. काम था खेतीकिसानी का. परिवार में पत्नी कैलाशा देवी और 3 बेटे थे— अर्जुन, अमर सिंह और कैलाश. अर्जुन लखनऊ में एक ट्रैक्टर एजेंसी में काम करता था. अमर सिंह नोएडा की किसी फैक्टरी में कार्यरत था और कैलाश गांव में खेती करता था. शिवराज ने तीनों का विवाह कर के जमीन का बंटवारा कर दिया था. तीनों भाई परिवार के साथ अपनेअपने हिस्से में रहते थे. करीब 6 साल पहले अमर सिंह का विवाह विनीता से हुआ था. उस के 2 बच्चे थे. कैलाश की शादी 4 साल पहले कंचनलता से हुई थी. उस के 2 बच्चे थे.
घर से दूर नोएडा में रहने की वजह से अमर सिंह की पत्नी विनीता का गांव में मन नहीं लगता था. पति 2-3 महीने में घर का चक्कर लगाता था, फलस्वरूप विनीता पति से मिलने वाले सुख के लिए बेचैन रहती थी. काफी समय तक पति सुख से वंचित रहने के कारण उस का तन विद्रोह करने लगा था. विनीता का देवर कैलाश घर पर ही रहता था. जब वह उस से हंसीमजाक करता तो कभीकभी अपनी सीमाएं लांघ जाता था. विनीता समझ गई कि कैलाश भले ही शादीशुदा है, लेकिन उसे शायद घर की दाल में मजा नहीं आ रहा, इसलिए वह बाहर की बिरयानी खाने की जुगत में है. इसी वजह से वह उस पर डोरे डालने की कोशिश कर रहा है.