करोड़पति परिवार में हुई सपना की शादी
ऋषभ के पिता किशोरचंद्र तिवारी कानपुर शहर के कल्याणपुर के शिवली रोड पर रहते थे. वह उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के पद से रिटायर हो चुके थे. उन की पत्नी मधु तिवारी फूड इंसपेक्टर थीं. उन की असमय मौत हो चुकी थी.
किशोरचंद्र व मधु निस्संतान थे. ऋषभ को उन्होंने किसी आश्रम से बचपन में गोद लिया था. उन्होंने ऋषभ को पढ़ालिखा कर योग्य बनाया था. ऋषभ कंप्यूटर का व्यवसाय करता था.
किशोरचंद्र तिवारी की आर्थिक स्थिति मजबूत थी. वह करोड़पति आदमी थे. शिवली रोड पर उन का तिमंजिला आलीशान मकान था. इस के अलावा कई प्लौट और लखनऊ में भी एक बड़ा प्लौट था. उन का बैंक बैलेंस भी अच्छाखासा था. इस पूरी प्रौपर्टी का वारिस ऋषभ ही था.
पत्नी की मौत के बाद घर संभालने वाला कोई नहीं था. इसलिए वह ऋषभ की शादी को लालायित थे. वह किसी सामान्य परिवार की ब्राह्मण लड़की को बहू बनाना चाहते थे. अत: जब राम औतार पांडेय अपनी बेटी सपना का रिश्ता ले कर आए तो उन्होंने रिश्ते को स्वीकार कर लिया.
इधर सपना को जब पता चला कि उस के घर वालों ने उस का रिश्ता तय कर दिया है, तो वह चिंतित हो उठी. उस ने इस रिश्ते का विरोध भी किया, लेकिन जब मां द्वारा उसे पता चला कि लड़का करोड़पति बाप का बेटा है और सास की भी समस्या नहीं है. वह घर पर एकछत्र राज करेगी तो उस का विरोध बंद हो गया.
उस ने तो तय कर लिया था कि वह ऋषभ से नहीं, उस की दौलत से शादी रचा रही है.