रंजिश उस विषबेल की तरह होती है, जो बड़े पेड़ों से भी लिपट जाए तो धीरेधीरे उस के वजूद को लीलने लगती है. दिल्ली पुलिस के 4 मई, 2020 की बात है. मनोज की आंखें खुलीं तो उस ने पास रखे मोबाइल फोन पर नजर डाली. उस समय सुबह के साढ़े 6 बज चुके थे. वह फटाफट उठा और फ्रैश होने चला गया. दरअसल, मनोज दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल था और घर पर रहने के दौरान टहलने जरूर जाता था. उस दिन वह देर से सो कर उठा, इसलिए जल्दबाजी में मौर्निंग वाक पर जाने के लिए तैयारहो गया.
मनोज परिवार सहित हरियाणा के जिला झज्जर के कस्बा बहादुरगढ़ स्थित लाइनपार की वत्स कालोनी में रहता था. मनोज की गली में ही रमेश कुमार भी रहता था. वह रिश्ते में मनोज का चाचा था, लेकिन दोनों हमउम्र थे इसलिए उन की आपस में खूब पटती थी. मनोज चाचा रमेश को साथ ले कर टहलने जाता था.
मनोज तैयार हो कर चाचा रमेश कुमार के यहां पहुंचा, फिर दोनों नजदीक ही स्थित मुंगेशपुर ड्रेन पर पहुंच कर नहर के किनारे टहलने लगे. दोनों अकसर वहीं पर मौर्निंग वाक करते थे. उन्हें वहां पहुंचे कुछ ही देर हुई थी कि उन के पास एक बाइक आ कर रुकी, बाइक पर अंगौछे से अपना चेहरा ढंके 2 युवक बैठे थे.
इस से पहले कि मनोज और रमेश कुछ समझ पाते, बाइक पर पीछे बैठे युवक ने पिस्टल निकाल कर मनोज पर निशाना साधते हुए गोली चला दी. लेकिन रमेश ने फुरती दिखाते हुए मनोज को धक्का दे दिया, जिस से मनोज नीचे गिर गया. लेकिन पिस्टल से चली गोली रमेश के सिर में जा लगी. गोली लगते ही रमेश जमीन पर गिर पड़ा.