12 नवंबर, 2020 की शाम देहरादून के विकास नगर कोतवाली थाने के प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथान के मोबाइल फोन पर किसी महिला ने फोन किया. आवाज से लग रहा था कि महिला डरीसहमी घबराई हुई थी.

महिला ने रोते हुए कहा, ‘‘सर मेरा नाम रीमा है और मैं हरबर्टपुर वार्ड नंबर-2, आदर्श विहार में रहती हूं. मेरे पति राकेश ने आत्महत्या कर ली है. उन की लाश बाथरूम में पड़ी हुई है. प्लीज सर, आप आ जाइए.’’

सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथान पुलिस टीम के साथ आदर्श विहार की तरफ रवाना हो गए. कुछ ही देर में वह रीमा द्वारा बताए पते पर पहुंच गए.

रीमा घर पर ही मिली. वह पुलिस को बाथरूम में ले गई, जहां उस के पति राकेश नेगी की लाश पड़ी थी. रीमा ने बताया कि यह लाश उस के पति की है.

राकेश की लाश बाथरूम के बाथटब में पड़ी थी. उस के हाथ की नस कटी हुई थी, जिस कारण फर्श पर फैला खून गाढ़ा पड़ कर सूख चुका था और गले पर धारदार हथियार से गोदने के निशान भी साफ दिख रहे थे. उस का गला भी कटा हुआ था.

मृतक के हाथों पर मजबूती से दबोचे जाने के लाल निशान साफ दिखाई दे रहे थे. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि मृतक फौजी था. वह गढ़वाल राइफल में हवलदार के पद पर  था और उस की पोस्टिंग जम्मू में थी. राकेश पिछले महीने अक्तूबर की 14 तारीख को छुट्टियों पर घर आया था.

लाश देख कर लग रहा था कि उस की मौत हुए 12 घंटे से ज्यादा हो गए होंगे. पुलिस को राकेश के आत्महत्या के एंगल पर संदेह हुआ. उस के शरीर पर चोट के निशान और उस की पत्नी द्वारा पुलिस को आत्महत्या की सूचना देरी से देने की बात ने संदेह को और गहरा कर दिया.

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