घटना 13 नवंबर, 2018 की है. तृप्ति जय तेलवानी जिस समय अपने 3 साल के बेटे के साथ पुणे शहर के थाना चिखली पहुंची, उस वक्त दोपहर का एक बजने वाला था. महिला एसआई रत्ना सावंत उस समय किसी पुराने मामले की फाइल देख रही थीं. घबराई और रोती हुई तृप्ति जब उन के पास पहुंची तो वह समझ गई कि इस के साथ जरूर कुछ गलत हुआ है.

उन्होंने तृप्ति को सामने कुरसी पर बैठा कर उस से इत्मीनान से बात की. उस ने आंसू पोंछते हुए कहा, ‘‘मैडम मेरा नाम तृप्ति जय तेलवानी है. मैं चिखली के घरकुल इलाके की साईं अपार्टमेंट सोसायटी में पति के साथ रहती हूं.’’ कह कर तृप्ति फिर से रोने लगी.

एसआई रत्ना सावंत ने उसे धीरज बंधाते हुए कहा, ‘‘देखिए, आप रोइए मत. आप के साथ जो भी हुआ है, मुझे विस्तार से बताएं ताकि मैं आप की मदद कर सकूं.’’

रत्ना सावंत की सहानुभूति पर तृप्ति अपने आंसू पोंछते हुए बोली, ‘‘मैडम, मैं बरबाद हो गई हूं. मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई. मेरे पति ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है.’’

तृप्ति की बात सुन कर एसआई रत्ना सावंत चौंकी. वह उसी समय पुलिस टीम के साथ मौके की ओर रवाना हो गईं. इस की सूचना उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी दे दी थी.

एसआई रत्ना सावंत अपनी टीम के साथ जब मौके पर पहुंचीं तो वहां लोगों की भीड़ लगी थी. मृतक जय तेलवानी के मातापिता और अन्य लोग भी वहां मौजूद थे.

पुलिस जब बैडरूम  में पहुंची तो बैड पर जय तेलवानी का शव पड़ा था. मांबाप और अन्य लोग उस के शव के साथ लिपट कर रो रहे थे. एसआई रत्ना सावंत ने जब लाश का निरीक्षण किया तो उस के गले पर फंदे का निशान देख कर उन्हें पहली नजर में मामला आत्महत्या का लगा.

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