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सच्चाई का पता चलने पर पूरा गांव हैरान रह गया था. आइए अब जानते हैं कि उस रात ऐसा क्या हुआ था कि पुलिस वाले ही नहीं, अशोक सिंह सिकरवार के समर्थन में आए लोग भी हैरान थे. बंधक बनाए गए बदमाश यानी शेर सिंह ने पुलिस को जो बताया था, उस के अनुसार यह घटना कुछ इस प्रकार थी.

उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा से यही कोई 30 किलोमीटर दूरी पर बसा है गांव चौगान. ठाकुर बाहुल्य इस गांव के किसान, जिन के पास अपने खुद के खेत थे, यमुना एक्सपे्रसवे का निर्माण होने से उन में से कुछ करोड़पति बन गए हैं. इस की वजह यह है कि 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे, जो आगरा से ग्रेटर नोएडा तक बना है, में जिन गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, उन्हीं गावों में एक चौगान भी था.

यमुना एक्सप्रेस वे के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाने लगा था तो किसानों ने मिलने वाले मुआवजे के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था. परिणामस्वरूप उन्हें मुंहमांगा मुआवजा मिला था, जिस से जिन किसानों की ज्यादा जमीनें गईं वे रातोंरात करोड़पति बन गए. ऐसे ही लोगों में चौगान गांव के भी 2 परिवार थे. उन में से एक था ठाकुर रामदयाल सिंह सिकरवार का परिवार तो दूसरा था अमर सिंह का. अमर सिंह की लगभग 20 साल पहले मौत हो चुकी थी. वर्तमान में उस के 4 बेटे थे, जो करोड़पति बन गए थे.

वैसे तो अशोक सिंह और अमर सिंह के घरों के बीच मात्र 100 कदम की दूरी रही होगी, लेकिन उन के बीच कोई आपसी सामंजस्य नहीं था. इस की वजह यह थी कि रामदयाल सिंह सिकरवार जहां ठाकुर थे, वहीं अमर सिंह दलित. शायद इसीलिए दोनों परिवार रहते भले ही आसपास थे, लेकिन उन में दुआसलाम तक नहीं थी.

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