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21अक्तूबर, 2022 की सुबह 10 बजे कानपुर कोर्ट में विशेष हलचल थी. दरअसल, उस दिन हाईप्रोफाइल ज्योति मर्डर केस का फैसला अपर जिला जज (प्रथम) की अदालत में सुनाया जाना था. इस केस की अंतिम बहस बीते दिन पूरी हो गई थी और अपर जिला जज (प्रथम) अजय कुमार त्रिपाठी ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था.

अदालत का फैसला सुनने के लिए आरोपियों तथा मृतका ज्योति के घर वाले भी अदालत कक्ष में आ चुके थे. वकीलों तथा नागरिकों में भी फैसले को ले कर उत्सुकता थी. अत: अदालत का कक्ष खचाखच भरा था. कक्ष के बाहर भी भारी भीड़ जुटी थी.

ठीक 12 बजे विद्वान जज अजय कुमार त्रिपाठी ने अदालत कक्ष में प्रवेश किया. उन के आसन ग्रहण करते ही बचाव व अभियोजन पक्ष के वकीलों ने उन्हें अभिवादन किया. उस के बाद मुजरिम पीयूष श्यामदासानी, उस की प्रेमिका मनीषा मखीजा, अवधेश चतुर्वेदी, रेनू कनौजिया, आशीष व सोनू कश्यप को कड़ी सुरक्षा में कोर्टरूम में लाया गया. सभी 6 आरोपियों की जज के समक्ष हाजिरी हुई. इस के बाद अदालत की काररवाई शुरू हुई.

मृतका ज्योति के वकील धर्मेंद्र पाल सिंह तथा सरकारी वकील दामोदर मिश्र ने जज अजय कुमार त्रिपाठी के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि पति द्वारा षडयंत्र के तहत पत्नी की नृशंस हत्या कराई गई. यह विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध है. इस से पूरा समाज द्रवित है. इसलिए सभी अभियुक्तों को मृत्युदंड दिया जाए ताकि समाज में एक संदेश जाए.

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी अपने तर्क दिए और जज के समक्ष कम से कम दंड देने का अनुरोध किया. पीयूष के वकील सईद नकवी ने तर्क दिया कि अभियुक्त संभ्रांत परिवार का है. इस से पहले वह न तो किसी अपराध में दोष सिद्ध हुआ और न ही उस का कोई आपराधिक इतिहास है.

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