कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुरेश और उन का बेटा कुछ समय तक दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन रिंपल ने दरवाजा नहीं खोला. वह अपनी भांजी की इस हरकत से हैरान रह गए. दरवाजा पीटते समय वहां आसपास के कई लोग इकट्ïठा हो गए. उन में से कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने रिंपल की मां को पिछले कई महीनों से नहीं देखा है.

फ्रिज, पौलीथिन, ड्रम में मिले लाश के टुकड़े...

उन्होंने यह भी बताया कि रिंपल आसपास किसी के भी संपर्क में नहीं थी. कब आती है, कब जाती है, इस का पता ही नहीं चलता. सुरेश वहां मौजूद लोगों की बात सुन कर गंभीर चिंता से घिर गए. वह सीधे कालाचौकी थाने गए. वहां उन्होंने एसएचओ से सारा वाकया विस्तार से सुनाया और घर पर चलने का अनुरोध किया. तब तक शाम हो चुकी थी.

14 मार्च, 2023 को एसएचओ पुलिस टीम के साथ वीणा के मकान पर गए. उन्होंने भी दरवाजा खटखटाया. काफी देर बाद जब पुलिस ने दरवाजा तोडऩे की धमकी दी, तब रिंपल ने दरवाजा खोला. दरवाजा खुलते ही भीतर से सड़े मांस जैसी दुर्गंध का भभका तेजी से निकला. सभी पुलिसकर्मी और दूसरे लोग तेज दुर्गंध से परेशान हो गए. नाक पर रुमाल रख कर रिंपल के साथ उस कमरे में गए, जहां वह अपनी मां के साथ रहती थी. उन्हें घर में अलगअलग जगह गांठ लगे पौलीथिन रखी मिलीं. दुर्गंध उन्हीं में से आ रही थी. जब उन्हें खोला गया, तब उन में मांस के टुकड़े मिले. इस के बाद पुलिस कमरे में रखे सामान को तलाशने लगी.

कमरे के ठीक बाहर एक प्लास्टिक बैग में लाश के कुछ और टुकड़़े मिले. सिर और धड़ प्लास्टिक में पैक कर अलमारी और बक्से में रखे मिले, जबकि हाथ और पैर घर की स्टील की टंकी में पड़ा था. लाश के टुकड़े फ्रिज में भी रखे मिले. रिंपल अनजान बनती हुई बोली उसे पता नहीं कि यह किस की है. जबकि सुरेश ने लाश पहचान ली थी. इस की सूचना एसएचओ ने तुरंत उच्च अधिकारियों को दे दी. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर डीसीपी प्रवीण मुंडे भी आ गए. उस के बाद रिंपल को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. कालाचौकी पुलिस ने रिंपल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को छिपाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...