दर्शन सिंह पंजाब के जिला कपूरथला के गांव अकबरपुर स्थित अपनी आलीशान कोठी में परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी स्वराज कौर के अलावा 2 बेटे कमलजीत सिंह और संदीप सिंह थे. संपन्न परिवार वाले दर्शन सिंह के पास कई एकड़ उपजाऊ भूमि थी. पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने दोनों बेटों की शादी कर दी थी. बड़े बेटे कमलजीत सिंह की शादी उन्होंने अपने एक दोस्त की बेटी राजेंद्र कौर से और छोटे संदीप सिंह की राजदीप कौर के साथ की थी. दर्शन सिंह एक रसूखदार व्यक्ति थे, इसलिए उन का पूरे गांव में दबदबा था. पर कुछ साल पहले एक दुर्घटना में उन की मौत हो गई थी. उन की मौत के बाद उन की पत्नी स्वराज कौर अपने परिवार पर पति जैसा दबदबा कायम नहीं रख पाईं, खासकर दोनों बहुओं पर.
समय का चक्र अपनी गति से घूमता रहा. कमलजीत और संदीप सिंह 3 बच्चों के पिता बन गए. इस बीच कमलजीत सिंह अपने किसी रिश्तेदार की मदद से इंग्लैंड जा कर नौकरी करने लगा. कुछ समय बाद संदीप सिंह भी फ्रांस जा कर नौकरी पर लग गया.
बेटों के विदेश जाने के बाद स्वराज कौर ने खेती की जमीन ठेके पर दे दी थी. दोनों बेटे विदेश से हर महीने मोटी रकम घर भेज रहे थे. स्वराज कौर को बस एक चिंता थी कि उस के पोतापोती पढ़लिख कर काबिल बन जाएं.
विदेश में रह कर दोनों भाई पैसे कमाने में लगे थे तो इधर गांव में उन की पत्नियों के रंगढंग बदलने लगे थे. एक साल बाद जब छुट्टी ले कर दोनों भाई गांव लौटे तो अपनेअपने पति द्वारा लाए हुए महंगे व अत्याधुनिक उपहार देख कर राजेंद्र कौर और राजदीप कौर की आंखें चुंधियां गईं.