अनुराधा गर्भवती हुई तो प्रशांत बहुत खुश हुआ. लेकिन अनुराधा इस बात से परेशान हो उठी. वह बच्चे को जन्म देने के बजाय गर्भपात करना चाहती थी. प्रशांत ने उसे बहुत समझाया कि यह उन के प्रेम की निशानी है, लेकिन अनुराधा नहीं मानी. वह बच्चा पैदा कर के उसे पालनेपोसने के झंझट में नहीं फंसना चाहती थी. उसे बच्चा बोझ लगता था. उसे यह भी लगता था कि बच्चा हो जाने के बाद उस का क्रेज खत्म हो जाएगा.
यही सब सोच कर अनुराधा ने बच्चे के पालनपोषण और घर खर्च का हवाला दे कर प्रशांत पर ऐसा दबाव बनाया कि उसे झुकना पड़ा. इस तरह पति को राजी कर के अनुराधा ने गर्भपात करवा दिया.
समय का पहिया अपनी गति से चलता रहा. गर्भपात करवा कर अनुराधा बहुत खुश थी. वह बच्चे के झंझट में फंस कर अपने सपनों को बिखरने नहीं देना चाहती थी. वह अपनी बौडी और सुंदरता को कायम रख कर उस की बदौलत ऐशोआराम की जिंदगी जीना चाहती थी. स्वयं को स्मार्ट दिखाने के लिए वह अपना पूरा वेतन अपने शरीर पर खर्च कर रही थी.
यही नहीं बाजार में इलेक्ट्रौनिक का जो भी नया सामान आता था, वह उस से इस तरह प्रभावित होती थी कि उसे खरीद कर लाने के लिए घर में रखा अच्छे से अच्छा सामान बदल देती थी. खासकर मोबाइल और टेलीविजन. प्रशांत उस की इस आदत से काफी परेशान था. लेकिन वह अनुराधा को इतना प्यार करता था कि कुछ नहीं कह पाता था.
प्रशांत अनुराधा को अपने आटो से उस के शोरूम पर सुबह पहुंचाने जाता था और शाम को ले आता था. वह अपनी सारी कमाई भी उसी के हाथों पर रख देता था. उस के बाद यह भी नहीं पूछता था कि उस ने पैसे कहां खर्च कर दिए.