11 मई, 2024 को सुबह घाघरा जंगल की सड़क पर 24 वर्षीय उत्तम जंघेल का शव क्षतविक्षत स्थिति में पड़ा हुआ था. लोगों ने देखा तो किसी ने यह खबर पुलिस को दे दी. कुछ लोगों ने लाश के फोटो खींच कर वाट्सऐप ग्रुप में डाल दिए.
एसपी (खैरागढ़) त्रिलोक बंसल के निर्देश पर सुश्री प्रतिभा लहरे (प्रशिक्षु एसपी) घटनास्थल पर पहुंच गईं. थाना पुलिस ने काररवाई शुरू कर दी. मौके पर डौग स्क्वायड को बुलवाया गया. युवक के शव को एकबारगी देखने के बाद प्रशिक्षु एसपी प्रतिभा लहरे ने यह पाया कि मृतक के गले पर निशान हैं, जिस से यह अनुमान लगाया गया कि शायद मृतक का गला दबा कर हत्या की गई है.
एसपी त्रिलोक बंसल को घटना के संदर्भ में जानकारी दी और उन से निर्देश मिलने के बाद मामले पर से परदा उठाने के लिए छुई खदान खैरागढ़ पुलिस मुस्तैदी से लग गई.
उत्तम जंघेल घर पर ही बैठा था कि उस के मोबाइल पर गोंदिया (महाराष्ट्र) में रहने वाले उस के मामा के बेटे हेमंत ढेकवार की काल आई, ''अरे भाई उत्तम, तुम कहां हो, बुआजी कैसी हैं, सब ठीकठाक है न! सुनो, मैं डोंगरगढ़ पहुंच रहा हूं, बहुत जरूरी काम है, तुम भी आ जाना.’’
''भैया, यहां पर सब ठीकठाक है और मैं तो आज घर पर ही हूं. कहेंगे तो आ जाऊंगा, वैसे क्या खास बात हो गई?’’ उत्तम बोला.
''मिलोगे तो सब बताऊंगा, सच कहूं तो तुम मिलोगे तो खुश हो जाओगे.’’ हेमंत ने कहा.
''फिर भी कुछ तो बताओ भैया, आखिर बात क्या है?’’ उत्तम जंघेल ने हंसते हुए ममेरे भाई हेमंत से कहा.