दिल्ली पुलिस के कंट्रोलरूम को 30 अप्रैल, 2014 को सूचना मिली कि केशोपुर डिपो (Keshopur Depot) के नजदीक गहरे नाले के किनारे बेडशीट में लिपटी हुई कोई चीज पड़ी है और उस बेडशीट पर खून के धब्बे भी लगे हैं. यह इलाका पश्चिमी दिल्ली के ख्याला (Khyala Police Station) थाने के अंतर्गत आता है, इसलिए पुलिस कंट्रोलरूम ने यह सूचना वायरलैस द्वारा ख्याला (Khyala) थाने को बता दी. सूचना में बताई गई जगह पर जब तक थाना पुलिस वहां पहुंची, तब तक वहां तमाम लोग इकट्ठे हो गए थे.
खून सनी बेडशीट देख कर पुलिस को भी शक हो रहा था. वहीं पर खून से सना तकिया भी पड़ा था. पुलिस ने जब वह बेडशीट खुलवाई तो उस में एक अधेड़ आदमी की लाश निकली.
50-55 साल के उस आदमी की गरदन और पैरों पर केबल का तार लपेटा हुआ था. उस का सीना चीरा हुआ था और उस के सिर, और शरीर के अन्य भाग पर कई जगह घाव थे. भीड़ में से कोई भी शख्स उस लाश की शिनाख्त नहीं कर सका तो पंचनामा करने के बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल अस्पताल भिजवा दी.
ख्याला थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या कर लाश छिपाने का मामला दर्ज कर लिया गया. इस केस को सुलझाने के लिए पश्चिमी जिले के डीसीपी रणवीर सिंह ने एसीपी इलिश सिंघल की देखरेख में एक पुलिस टीम बनाई.
टीम ने सब से पहले अज्ञात लाश मिलने की सूचना दिल्ली के सभी थानों को वायरलैस द्वारा दे दी और लाश की शिनाख्त के लिए जिले में सार्वजनिक स्थानों पर लाश के फोटो लगे पैंफ्लेट चिपकवाए.