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पूछताछ में पंकज शर्मा के मकान से 5 मकान दूर रहने वाले नीतीश आनंद ने बताया कि जब उन के घर से बच्चे के चीखने चिल्लाने की आवाजें आईं तो वह दौड़ेदौड़े घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने देखा कि बच्चे के सिर पर गहरी चोट लगी थी. उस के पूरे शरीर पर चाकू से गोदे जाने के निशान थे. खून से लथपथ वह तड़प रहा था. इस से पहले कि वह दूसरे की मदद से उसे ले कर अस्पताल जा पाते, उस ने दम तोड़ दिया. इसी बीच उस के मम्मीपापा को सूचित किया जा चुका था.

सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग

फिर सवाल था कि आखिर कौन हो सकता है, किस ने अपनी खुन्नस और अपनी दुश्मनी मासूम बच्चे से निकाली? इन्हीं सवालों के सहारे पुलिस मौके से सुराग और सबूतों को बटोरने में जुट गई. पुलिस ने बच्चे के बारे में जानकारी इकट्ठा की. उस की मां से कुछ बुनियादी सवालों को ले कर भी पूछताछ की. जैसे वो कहां जाता था, किन बच्चों के साथ खेलता था, किसकिस से मिलता था. हालांकि मामूली सवालों के जवाब से पुलिस को तसल्ली नहीं हुई.

घटनास्थल का पुलिस कमिश्नर अमित पी. जबलगी ने भी दौरा किया और उस के बाद फोरैंसिक टीम ने नमूने इकट्ठे कर जांच के लिए भेज दिए. पूछताछ में पंकज शर्मा ने रोते हुए बताया कि उन के परिवार के साथ इलाके में किसी से भी कोई रंजिश नहीं है.

किंतु कुछ दिन पहले स्कूल में उन के बेटे और एक सीनियर छात्र के बीच किसी बात को ले कर झगड़ा हो गया था. दोनों एक साथ ही स्कूल जाया करते थे. फिर भी उन्हें यह विश्वास नहीं हो पा रहा है कि मामूली झगड़े के लिए कोई कैसे इस तरह से निर्मम तरीके से बच्चे की हत्या कर सकता है?

पुलिस के सामने सब से बड़ा सवाल था कि आखिर बच्चे को ले कर किसी की किसी के साथ क्या दुश्मनी हो सकती है? इस दिशा में तहकीकात शुरू की गई. पूछताछ के लिए सब से पहले उस के मम्मीपापा से कई सवाल किए गए.

इस के अलावा जांचकर्ताओं को पता चला कि शांता अकसर अपने बेटे को पीटती थी. इस का कारण पूछने पर उस ने बताया कि वह पढ़ नहीं पाता था, तब उसे पीटती थी. उस के बयानों की पुष्टि के लिए कुछ पड़ोसियों और स्नेहांशु के हमउम्र दोस्तों से भी पूछताछ की गई.

तमाम पूछताछ और छानबीन करने पर भी पुलिस को जब कोई सुराग नहीं मिला, तब पुलिस की टीम घटना के अगले दिन मौका ए वारदात पर फिर जा पहुंची. वहां सुराग खंगालने लगी. तमाम साइंटिफिक सुरागों, मोबाइल टावर से मिली लोकेशन और फोरैंसिक एक्सपर्ट के जरिए मिले सबूतों के साथसाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए.

घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निकाले गए. सीसीटीवी में पुलिस ने देखा कि 2 महिलाएं स्नेहांशु के घर से बाहर निकल रही हैं. इन में से एक स्नेहांशु की मम्मी थी तो दूसरी की पहचान उस की सहेली इशरत परवीन के रूप में हुई. पुलिस ने मृतक के घर वालों के मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवाई.

पुलिस ने इशरत के बारे में जल्द ही कई जानकारियां जुटा ली थीं. शांता शर्मा से उस का फोन नंबर ले लिया था और उस के फोन की काल डिटेल्स भी निकलवा ली थी. काल डिटेल्स के अनुसार शांता के नंबर से उस की हर रोज काफी समय तक बात होती रहती थी. किंतु घटना के दिन उस की शांता से काफी कम समय के लिए बात हुई थी.

एक और चौंकाने वाली बात थी कि उस रोज उस का मोबाइल करीब 6 घंटे तक बंद रहा. इशरत परवीन के मोबाइल की लोकेशन दोपहर 2 बजे कोलकाता के वाटगंज में दिखी थी. फिर उस का मोबाइल स्विच्ड औफ हो गया था. दोबारा तकरीबन 5-6 घंटे बाद शाम को 8 बजे उस के मोबाइल की टावर लोकेशन कोलकाता के वाटगंज की थी.

मां आई शक के दायरे में

असल में चंद मिनट के लिए ही उस का मोबाइल फोन चालू हुआ था, फिर उसी के नंबर से शांता के मोबाइल नंबर पर बात हुई थी. पुलिस के लिए यही बात चौंकाने वाली थी. यहीं से पुलिस को शक हुआ और दोनों ही उस बच्चे की हत्या के संदेह के दायरे में आ गईं. देर किए बगैर पुलिस हत्या के आरोप में बच्चे की मां शांता शर्मा को पूछताछ के लिए थाने ले आई.

पुलिस ने बच्चे की हत्या और घटना के समय उस के वहां नहीं होने के बारे में कई सवाल किए गए. इस क्रम में यह भी पूछा गया कि उस ने अपने बच्चे को क्यों मारा? कई बार वह अपने ही जवाब में उलझी हुई तो भयभीत भी नजर आई. उस के मनोभाव और जवाब बदलते देख कर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. सीधे लौकअप में डाल दिया.

उस के गिरफ्त में आने के बाद सनसनी फैल गई. इस की खबरें लोकल चैनल और सोशल मीडिया पर तेजी से चलने लगीं. पूछताछ के दरम्यान उस के विचलित होने की हरकतों से पुलिस का शक और गहरा हो गया था.

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                                                  शांता और उस की सहेली इशरत

दूसरी तरफ शांता गिरफ्त में आते ही तब कमजोर पड़ गई थी, जब उस के पति के साथ कुछ बातचीत हुई. पति ने उस के कान में क्या कुछ कहा, जो वह एकदम से ढीली पड़ गई. उस ने वह बात पुलिस से भी कही.

दरअसल, पंकज शर्मा ने अपनी पत्नी के गलत आचरण के बारे में बताते हुए कहा था, ”जैसी करनी वैसी भरनी है साहब जी…आदत से लाचार थी. मेरे मना करने पर भी नहीं मानती थी.’’

”क्या उस का किसी के साथ कोई चक्कर था? कोई बौयफ्रेंड था?’’ पुलिस ने पूछा तो इस पर पंकज शर्मा छूटते ही तीखे लहजे में बोले, ”बौयफ्रेंड नहीं सर, उस की गर्लफ्रेंड थी.’’

”तुम्हारा कहना है कि उस का किसी लड़की के साथ ही चक्कर था. मतलब कि वह लेस्बियन है?’’ जांच अधिकारी चौंकते हुए बोला. फिर थोड़ा ठहर कर पूछा, ”लेकिन इस का बच्चे की हत्या से क्या संबंध हो सकता है?’’

”वह मैं नहीं जानता, लेकिन इतना पता है कि वह अपनी सहेली इशरत के साथ घंटों बंद कमरे में अकेले समय गुजारती थी,’’ पंकज बोला.

”यह तुम क्या कह रहे हो अपनी पत्नी के बारे में!’’

”मैं बिलकुल सही कह रहा हूं सर, मैं ने अपनी पत्नी शांता और उस की सहेली इशरत को कई बार समलैंगिक संबंध बनाते हुए पकड़ा है. इस पर उन्हें डांटा भी था. शांता को समझाया भी था कि शादी से पहले तक जो था, सो था अब बच्चा बड़ा हो रहा है. उसे मालूम होगा, तब उस पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन वह नहीं मानती थी.’’ पंकज शर्मा बोले.

”तुम ने उस की सहेली से भी इस संबंध को खत्म करने के बारे में कुछ नहीं कहा?’’ जांच अधिकारी ने सवाल किया.

”मैं ने उसे भी समझाने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में बीवी ने चुप रहने को कहा था और हिदायत देती हुई मुझे इशरत की तरफ से धमकी दी कि अगर मैं ने इस बारे में उस से दोबारा बात की तो वह मुझे रेप के मामले में फंसा देगी. फिर मैं डर गया और अपने मुंह पर ताला जड़ लिया.’’ यह कहते हुए पंकज शर्मा ने एक लंबी सांस ली. उन्होंने महसूस किया कि जैसे उन के दिलोदिमाग पर से कोई बोझ उतर गया हो.

पुलिस टीम के सामने एक और नई बात आ गई थी. साथ ही उस के शक की सूई शांता की सहेली इशरत की ओर भी घूम गई थी. उस वक्त रात अधिक हो चुकी थी और वह कोलकाता वाटगंज में रहती थी, जो दूसरे थाना क्षेत्र में था. उसे हिरासत में लेने के लिए उत्तरपाड़ा थाना पुलिस पहले श्रीरामपुर महिला थाने पहुंची और वहां की पुलिस टीम के साथ इशरत परवीन को उस के घर से उठा लाई.

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