‘‘मीलार्ड!’’ बचाव पक्ष के वकील तारेंद्र जैन ने दुर्ग जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेष कुमार तिवारी के सामने पूरी मजबूती से अपनी बात रखते हुए कहा, ‘‘मेरा मुवक्किल संदीप कुमार जैन उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, जिस वक्त श्री रावतमल जैन और उन की पत्नी सूरजी देवी का कत्ल हुआ. पुलिस किसी रंजिश के तहत संदीप जैन को फंसाने की कोशिश कर रही है. लेकिन हम इस का एग्जामिशन माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर से परमिशन ले कर करवा चुके हैं श्रीमान.
‘‘लेकिन मीलार्ड, पुलिस ने और अभियोजन पक्ष ने जिस कलीम खान को साक्ष्य के रूप में कोर्ट में पेश किया, वह विश्वसनीय व्यक्ति नहीं है. कोतवाली एसएचओ भावेश साव ने साढ़े 7 बजे पंचनामा बनाया था, जिस में कलीम खान के दस्तखत हैं, जबकि कलीम खान का कहना है कि वह घटनास्थल पर 10 बजे पहुंचा था. इस से ही साबित होता है कि पुलिस के द्वारा कलीम खान को साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया, वह फरजी है.’’ तारेंद्र जैन ने अपनी दलील रखी.
‘‘चलो आप की बात मान लेते हैं, लेकिन आप का मुवक्किल संदीप और आप स्वयं कोर्ट में यह साबित नहीं कर सके हैं कि घटना के वक्त वह तीसरा व्यक्ति यदि संदीप नहीं था तो फिर कौन था?’’ अभियोजन पक्ष के वकील सुरेशचंद्र शर्मा ने कहा.
‘‘यह तो पुलिस का काम है श्रीमान.’’ तारेंद्र जैन ने कहा, ‘‘पुलिस को मालूम करना चाहिए था कि वह तीसरा व्यक्ति कौन है.’’
‘‘इस हत्याकांड की जांच करने वाली पुलिस टीम ने पूरे साक्ष्य के साथ यह केस हल किया है, वह तीसरा व्यक्ति पुलिस जांच में आप का मुवक्किल संदीप जैन ही है.’’ इस बार अभियोजन पक्ष के वकील सुरेश चंद्र शर्मा ने गंभीर स्वर में कहा, ‘‘मेरे दोस्त मिस्टर तारेंद्र जैन, यह साबित हो चुकी है कि मांबाप की हत्या स्वयं संदीप जैन ने की है. घटना के वक्त वह अपने घर में मौजूद था. रावतमल जैन और सूरजी देवी का कत्ल पहली जनवरी, 2018 को सुबह पौने 6 बजे हुआ था.